देश के समुन्नत विकास के लिए विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच पैदा करना जरूरी
मथुरा। भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक सर सीवी रमन के कृतित्व और व्यक्तित्व से छात्र-छात्राओं को रूबरू कराने के साथ उनमें वैज्ञानिक सोच पैदा करने के लिए जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. कैलाश विश्वकर्मा, भूतपूर्व प्राचार्य ब्रह्मानन्द पीजी कॉलेज राठ ने देश के समुन्नत विकास के लिए छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक सोच पैदा करने को जरूरी बताया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सर सीवी रमन के छायाचित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ।
छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए डॉ. कैलाश विश्वकर्मा ने कहा कि विज्ञान ने कई तरह से समाज पर गहरा प्रभाव डाला है। सेहत से लेकर कृषि, संचार, तकनीक, अंतरिक्ष खोज जैसी कई नामुमकिन चीजें विज्ञान के जरिए ही मुमकिन हो पाई हैं। यह दिन हमारे बीच उभरते वैज्ञानिकों को प्रेरित करने तथा विज्ञान के क्षेत्र में हुए चमत्कारों को याद करने का दिन है। इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम विकसित भारत के लिए भारतीय स्वदेशी प्रौद्योगिकी रही।
जीएल बजाज में भविष्य के लिए दायित्वशील विज्ञान विषय पर मंत्रणा हुई। मुख्य अतिथि डॉ. कैलाश विश्वकर्मा जोकि भौतिकी और वैदिक गणित में विशेषज्ञ हैं, ने विज्ञान को एकीकृत करने के महत्व पर जोर देते हुए भाषा, गणित और प्रौद्योगिकी जैसे मुख्य पहलुओं पर ध्यान देने का आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होंने विज्ञान एकीकरण के महत्व पर अपना दृष्टिकोण साझा करने के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का उल्लेख किया, जिन्हें गणित, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफी ज्ञान था। इसके अलावा डॉ. विश्वकर्मा ने 5 मुख्य बिंदुओं भाषा, कैलेंडर, गणित, विज्ञान तथा तकनीकी ज्ञान पर विस्तार से प्रकाश डाला।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने बताया कि यह दिवस भारत के महान वैज्ञानिक सर सीवी रमन की उत्कृष्ट खोज प्रकाश के प्रकीर्णन के लिए मनाया जाता है। इसी खोज के लिए डॉ. रमन को वर्ष 1930 का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 28 फरवरी, 1928 को उन्होंने यह खोज की थी। यह किसी भारतीय द्वारा जीता गया प्रथम नोबेल प्राइज था। डॉ. मंधीर वर्मा विभागाध्यक्ष बीटेक प्रथम वर्ष ने भी विज्ञान दिवस पर अपने विचार साझा किए।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर संस्थान के छात्र-छात्राओं ने मंगलयान, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, अपशिष्ट से बिजली बनाने, टेलीस्कोप, ड्रिप इरिगेशन जैसे कई लाइव प्रोजेक्ट प्रदर्शित करते हुए मिनी परियोजनाओं के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर मुख्य अतिथि ने कुणाल माहेश्वरी व प्रतीक सिंह (बीटेक प्रथम वर्ष), अमन विश्वकर्मा ( बीटेक द्वितीय वर्ष) को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया। कार्यक्रम की सफलता में याज्ञिनिक शर्मा (बीटेक सीएसई), शैली दीक्षित (बीटेक सीएसई), एआई शिप्रा सिंह (बीटेक सीएसई), एआई मोहिनी गौर, निशांत सिंह ( बी टेक द्वितीय वर्ष) आदि का सहयोग रहा। डॉ. मंधीर वर्मा, डॉ. भोले सिंह, डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ. रामवीर सिंह, मेधा खेनवार आदि ने यह माना कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस उभरते वैज्ञानिकों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने का दिन है।