दिल्ली में हुआ एक महत्वपूर्ण समझौता
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय और नेशनल स्किल डवलपमेंट कार्पोरेशन(एनएसडीसी) के मध्य दिल्ली में हुए एक महत्वपूर्ण समझौते में तय हुआ है कि अबसे आईआईएम अहमदाबाद और आईआईटी द्वारा संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को कोई एक विषय पढ़ाया जाएगा। कौशल विकास एवं नवोन्मेष के उद्देश्य को पूरा करने के क्षेत्र में यह समझौता विशेष रूप से बड़ी भूमिका निभाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में हुए इस समझौते पर संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता और एनएसडीसी के सीईओ वेदमनी तिवारी द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत संस्कृति विवि के इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थियों को आईआईटी द्वारा हर सेमेस्टर में एक विषय पढ़ाया जाएगा। यानि कि संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को आईआईटी के प्रोफेसर से पढ़ने का अवसर प्राप्त होगा। आईआईटी द्वारा पढ़ाए जाने वाले विषय की परीक्षा में आने वाले नंबर विद्यार्थियों की मार्कशीट में क्रेडिट होंगे। वहीं संस्कृति विवि के मैनेजमेंट के विद्यार्थियों को आईआईएम द्वारा वेल्युएडेड सर्टिफिकेट कोर्स करने का अवसर मिलेगा, जो उनकी प्रतिभा और बायोडाटा में और परिक्वता प्रदर्शित करेगा। इन कोर्सों को पूरा करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र आईआईएम द्वारा दिया जाएगा।
विवि के अकादमिक प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस समझौते के अनुसार अस्ट्रेलिया की विश्वप्रसिद्ध युनिवर्सिटी डेकेन युनिवर्सिटी द्वारा भी संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट प्रोग्राम कराए जाएंगे। संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने इस समझौते पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के स्किल डवलपमेंट के क्षेत्र में यह समझौता एक मील का पत्थर साबित होगा साथ ही ‘कुशल भारत, विकसित भारत’ की सोच को भी पूरा करेगा। इस मौके पर संस्कृति विवि की सीईओ डा. मीनाक्षी शर्मा, डा. रजनीश त्यागी, संस्कृति विवि के इंक्युबेशन सेंटर के सीईओ गजेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।
अब संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे आईआईटी के प्रोफेसर
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