मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में आगामी सत्र में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। ये रजिस्ट्रेशन लगभग सभी विषयों में किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के एडमीशन सेल का कहना है कि इस रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का लाभ विद्यार्थियों को तो मिलता ही है साथ ही विवि के कामकाज में भी राहत प्रदान करता है। प्रवेश संबंधी सभी नियम, कायदों और मैरिट के आधार पर खरे उतरने वाले विद्यार्थियों की आनलाइन प्रवेश परीक्षा होगी। प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को विवि में प्रवेश दिया जाएगा।
संस्कृति विश्वविद्यालय के एडमीशन सेल के अधिकारी विजय सक्सैना ने बताया कि अनेक स्तर पर किए गए सर्वे में सामने आया है कि संस्कृति विवि में प्रवेश की चाह रखने वाले विद्यार्थियों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। यही वजह कि विश्वविद्यालय भी अपने संसाधनों में तेजी से बढ़ोत्तरी कर रहा है। आज विश्वविद्यालय में चाहे वो इंजीनियरिंग की कोई ब्रांच हो या फिर मैनेजमेंट की सभी के शिक्षण की उच्चकोटि की व्यवस्था है। बच्चों के रहने के लिए मानकों के अनुरूप हास्टल हैं। खेलने के लिए अतंर्राष्ट्रीय स्तर के मैदान है। अध्ययन और शोध के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं हैं। कल्चरल एक्टीविटी और सेमिनार के लिए खुले मंच, सभागार और अत्याधुनिक आडिटोरियम है। विद्यार्थियों के ज्ञानवर्द्धन के लिए विश्वविद्यालय में जहां विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थानों के विषय विशेषज्ञ बुलाए जाते हैं तो वहीं मनोरंजन के लिए ख्यातिप्राप्त कलाकारों के कार्यक्रम कराए जाते हैं। विद्यार्थियों के शारीरिक सौष्ठव के साथ-साथ उनके मानसिक स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाता है। हर वर्ष खेल समारोह विद्यार्थियों में प्रतियोगिता की भावना को बनाए रखते हैं।
एडमीशन सेल के अधिकारी ने बताया कि संस्कृति विवि में आयुर्वेद की शिक्षा के लिए अपना एक मेडिकल कालेज है। संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में पूरा अस्पताल संचालित होता है, जिसमें प्राचीन भारतीय चिकित्सा के माध्यम से योग्य और अनुभवी चिकित्सक असाध्य रोगों का निदान करते हैं। यहां अतंर्राष्ट्रीय स्तर का वेलनेस सेंटर भी है जिसमें केरलीय पंचकर्मा से शरीर को पूर्ण स्वस्थ बनाया जाता है। कुछ वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सा को सीखने के लिए विद्यार्थियों में बहुत उत्सुकता बढ़ी है और वे बड़ी संख्या में इसमें प्रवेश के लिए आवेदन कर रहे हैं। बैचलर आफ आयुर्वेदिक मेडिकल साइंस की डिग्री का वही महत्व है जो एमबीबीएस की डिग्री का है।
उन्होंने बताया कि विवि में व्यक्तिगत रूप से या फिर विवि की वेबसाइट पर जाकर ये रजिस्ट्रेशन कराए जा सकते हैं। जागरूक विद्यार्थियों ने अपने पसंदीदा विषयों में रजिस्ट्रेशन कराने शुरू भी कर दिए हैं।
संस्कृति विश्वविद्यालय में प्रवेश हेतु रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू
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