रिपोर्ट रवि यादव
एक कहावत बिल्कुल सत्य होती हुई दिखाई देती है मथुरा के मुख्य विकास भवन यानी राजीव भवन में इन दिनों,,, कि सैया भए कोतवाल फिर काहे का डर,, जी हां कुछ सफाई कर्मचारी/ चौकीदार जो की कथित तौर पर साहब की मेहरबानी पर बाबू का कार्य संभाल रहे हैं उनका जलजला देखने को यहां मिलता है कई विभागों में सफाई कर्मचारी और चौकीदार स्तर के कर्मचारी बाबू का कार्य कथित तौर पर संभाल रहे हैं यानी कि कंप्यूटर ऑपरेटर ,रजिस्टर मेंटेन करना ,इत्यादि पत्र चढ़ाना यह सभी सफाई कर्मचारी अपने मूल पद को दरकिनार कर और साहब की मेहरबानी से यहां पर बाबू का कथित तौर पर कार्य देख रहे हैं सूत्र बताते हैं कि इन कथित बाबूयो की ठसक साहब से काम नहीं है कि पत्र को लेना है कि पर कार्रवाई करनी है नहीं करनी है सब कुछ इन्हीं पर निर्भर है फरियादी जब इनसे अपने पत्राचार के बारे में कार्यालय में जाकर के जानकारी करते हैं तो उनका सीधा जवाब नहीं मिलता है यदि फरियाद यह कह दे कि वह इस मामले में उपर बात करेंगे तो उनका अंदाज कुछ और अलग हो जाता है वह कहते हैं कि साहब तो आज हैं कल चले जाएंगे काम हम ही से पड़ना है इसलिए शांत रहने में फायदा है समय होने पर आपका काम हो जाएगा इस तरह की ठसक अक्सर कई कार्यालय में देखने को मिलेगी अब यहां ये भी कह सकते हैं कि सरकार द्वारा कर्मचारियों की भर्ती न होने के चलते जो सफाई कर्मचारी उच्च शिक्षा प्राप्त है या जिन्हें थोड़ा सा भी कंप्यूटर का ज्ञान है वह कथित तौर पर बाबू का कार्य कर रहे हैं लेकिन जिस तरह से उनका व्यवहार है उससे आम जनमानस काफी आहत हैं सफाई कर्मचारियों का बाबू बनाकर ठसक पैदा करना चर्चा का विषय बना हुआ है।