विजय गुप्ता की कलम से
मथुरा। 7 जुलाई 1994 की अर्धरात्रि के बाद नवल नलकूप के संस्थापक एवं महान देशभक्त स्व. लाला नवल किशोर गुप्ता ने अपनी देह त्यागी। उसके चार-पांच दिन बाद राम जन्मभूमि आंदोलन के महानायक श्री कल्याण सिंह लाला जी के निवास पर पहुंचे तथा अपनी श्रद्धांजलि देते हुए उनके द्वारा स्थापित नवल नलकूप की प्रशंसा करते हुए कहा कि लाला जी द्वारा लगाया गया नलकूप मथुरा के लिए वरदान साबित हो रहा है। उन्होंने लाला जी द्वारा देश की आजादी में दिए अपने योगदान की भी प्रशंसा की तथा कहा कि लालाजी हमेशा याद किए जाएंगे।
उल्लेखनींय है कि कल्याण सिंह जी के दो-तीन दिन बाद, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल स्व. श्री मोतीलाल वोरा ने भी स्वतंत्रता सेनानी लाला नवल किशोर जी के निवास पर पहुंचकर उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उक्त दोनों महामहिमों की संस्तुति के पश्चात लालाजी की कर्म स्थली वाली सड़क का नाम "लाला नवल किशोर मार्ग" तथा क्षेत्रीय पुलिस चौकी का नाम "पुलिस चौकी लाला नवल किशोर" रखा गया।
नवल नलकूप आज मथुरा नगर की शान बना हुआ है। लगभग आधे शहर की प्यास लाला जी द्वारा स्थापित इसी नलकूप के शीतल जल से बुझ रही है जो लाला जी के पुण्य प्रताप का परिणाम है।