मथुरा। लगभग तीन साल से पीलिया, पेट दर्द, खुजली आदि से परेशान गांव अनीगढ़ी, जिला हाथरस निवासी धर्म सिंह (55) को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में नई जिन्दगी मिली है। जाने-माने गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा और उनकी टीम ने दूरबीन विधि से धर्म सिंह के अग्नाशय की बड़ी गांठ निकालने में सफलता हासिल की है। मुश्किल सफल सर्जरी के बाद अब धर्म सिंह पूरी तरह से स्वस्थ है।
जानकारी के अनुसार गांव अनीगढ़ी, जिला हाथरस निवासी धर्म सिंह लगभग तीन साल से शारीरिक रूप से कई परेशानियों से जूझ रहा था। वह पीलिया, पेट दर्द, खुजली आदि से लगातार परेशान रहा। परिजनों ने कई जगह उसका उपचार कराया लेकिन धर्म सिंह को परेशानी से निजात नहीं मिली। आखिरकार एक दिन स्थिति काफी बिगड़ने के बाद उसे के.डी. हॉस्पिटल लाया गया। गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा ने मरीज की पुरानी जांच रिपोर्ट्स देखने के बाद सीटी स्कैन कराया जिससे पता चला कि उसके अग्नाशय में एक बड़ी गांठ है। डॉ. मूंदड़ा ने परिजनों को ऑपरेशन की सलाह दी।
परिजनों की स्वीकृति के बाद डॉ. मुकुंद मंदड़ा के नेतृत्व में डॉ. यतीश शर्मा, डॉ. समर्थ, डॉ. सौरभ, डॉ. अर्पित, डॉ. दिलशेख, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. दीपक अग्रवाल, डॉ. शुभम, डॉ. अनुराग तथा टेक्नीशियन बालकिशन और योगेश के सहयोग से धर्म सिंह की दूरबीन विधि से एक मुश्किल सर्जरी की गई। सर्जरी सफल रही तथा अब धर्म सिंह पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि शल्य चिकित्सा में ऐसी सर्जरी कम होती हैं, वजह अधिक जोखिम का होना है। डॉ. मूंदड़ा ने कहा कि यह जोखिम हमारी टीम द्वारा सिर्फ मरीज की खराब शारीरिक स्थिति को देखते हुए लिया गया।
डॉ. मूंदड़ा बताते हैं कि यह जटिल ऑपरेशन दूरबीन विधि से किया गया। इसमें पैंक्रियाज (अग्नाशय) के शुरुआती हिस्से के साथ ही डिओडेनम, गॉलब्लेडर और बाइल डक्ट (पित्त नली) को हटाया जाता है। विप्पल प्रक्रिया से पैंक्रियाज, डिओडेनम और बाइल डक्ट में ट्यूमर और अन्य डिसऑर्डर को ठीक करने में मदद मिलती है। यह पैंक्रियाज में हुए कैंसर के इलाज के लिए सबसे जरूरी सर्जरी है। सर्जरी के बाद पैंक्रियाज को स्मॉल इंटेस्टाइन से जोड़ दिया जाता है ताकि खाने को सही तरह से पचाया जा सके।
डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि पैंक्रियाज के कैंसर के इलाज में विप्पल सर्जरी कैंसर पीड़ित के लिए फिर से नया जीवन मिलने जैसा है। वह बताते हैं कि जब किसी व्यक्ति के पैंक्रियाज, डिओडेनम, गॉलब्लेडर और बाइल डक्ट में कैंसर की शुरुआत या कोई डिसऑर्डर की समस्या होती है, तो विप्पल प्रक्रिया की ही आवश्यकता होती है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने बड़ी और सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी वहीं धर्म सिंह के परिजनों ने कम पैसे में सफल सर्जरी के लिए के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सकों तथा प्रबंधन का आभार मानते हुए कहा यहां न आते तो जीवन बचाना मुश्किल हो जाता।
के.डी. हॉस्पिटल में मिली धर्म सिंह को नई जिन्दगी, दूरबीन विधि से निकाली गई अग्नाशय की बड़ी गांठ
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