बच्चों को पक्षियों के रहन-सहन एवं उनके खान-पान के बारे में दी जानकारी
वृंदावन। एमआरसी वृंदा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में गौरैया संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए इंडियन पब्लिक स्कूल में गौरैया संरक्षण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सैकड़ों स्कूली बच्चों ने इस प्रतियोगिता में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
आपको बताते चलें कि गौरैया संरक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों को पर्यावरण और गौरैया संरक्षण के लिए जागरूक करना था। जिसमें बच्चों ने कई तरह के घोसले गौरैया के लिए तैयार किए। बच्चों के प्रतियोगिता में तीन बच्चों को प्रथम द्वितीय और तृतीय पुरस्कार भी वितरित किया गया। जिसमें अनामिका प्रथम, आरव द्वितीय और अक्षरा को तृतीय स्थान मिला।
देवेंद्र शर्मा ने बताया कि गौरैया को बचाने के लिए बच्चों को पक्षियों का रहन-सहन पक्षियों के खान-पान और किस तरह पक्षियों की देखभाल करनी चाहिए। पूजा चौधरी ने बताया कि एमआरसी वृंदा चैरिटेबल के द्वारा पूर्व में भी समाज हित में कई कार्य किए जा चुके हैं। जैसे पौधरोपण जिसमें हजारों वृक्ष वृंदावन क्षेत्र में लगाए गए हैं, गरीब और असहाय लोगों की मदद ट्रस्ट द्वारा समय समय पर किया गया है।
डॉक्टर अभिषेक शर्मा ने गौरैया के संरक्षण एवं संवर्धन पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आधुनिक शैली में बनते आवास और मोबाइल रेडिएशन गौरैया की घटती संख्या का एक बड़ा कारण है। कीटनाशक का बढ़ता प्रयोग भी इसकी अहम वजह माना जा रहा है। कार्यक्रम में वन गुर्जरों के मिट्टी के घरों को गौरैयाओं की प्रकृति के अनुकूल बताया गया।
समाजसेवी संजय शर्मा ने बताया कि ऊंची-ऊंची इमारतें, वाहनों का बढ़ता शोर गौरैया के लिए संकट खड़ा कर रहा है। एक समय हमारे घर-आंगन में चहचहाने वाली ये चिड़िया अब हमसे दूर होती जा रही है। इतना ही नहीं लोग इसे बचाने के लिए अपने घरों में काठ का घोसला लटका रहे हैं।