मथुरा। छात्र-छात्राओं में नवाचार, सृजनात्मक सोच और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा में एक तकनीकी कार्यक्रम आइडियाथॉन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं की टीमों ने विविध विषयों पर अपने-अपने विचार रखे। निर्णायक मण्डल ने “ईको ड्राइव” पर सारगर्भित ज्ञान साझा करने वाली काइनेटिक ऋषि टीम को न केवल पहला स्थान प्रदान किया बल्कि टीम के सदस्यों सर्वांग शुक्ला, कुशाग्र, प्रणव सिंह, भूमिका शर्मा तथा वंशिका कौशिक को शील्ड के साथ ही 51 सौ रुपये का चेक प्रदान कर उनका हौसला बढ़ाया।
आइडियाथॉन कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने अपनी नवोन्मेषी सोच और समस्या समाधान क्षमताओं का शानदार प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने विविध सामाजिक समस्याओं को बताने के साथ ही उनके समाधान पर भी अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम के अंतिम दिन निर्णायक मंडल में शामिल प्रियस इंडिया ट्रेडिंग के संस्थापक, निदेशक और मैनिसो के मालिक ऋषभ खंडेलवाल, एरेटे प्रा.लि. के स्पेशल ऑप्स भारत वार्ष्णेय तथा कंसल्टेंट क्यूए के संस्थापक सूर्यांक सिंह चौधरी के सम्मुख छात्र-छात्राओं ने दिए गए विषयों पर अपने-अपने विचार साझा किए।
प्रतिभागियों की रचनात्मकता और सरलता से प्रभावित होकर निर्णायक मंडल ने बाजार और उद्योग की जरूरतों पर बहुमूल्य प्रतिक्रियाएं और अंतर्दृष्टि प्रदान की। आइडियाथॉन की विजेता टीम काइनेटिक ऋषि के छात्र-छात्राओं ने “ईको ड्राइव” पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मौजूदा समय में पर्यावरण प्रदूषण समूची दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती है। एक तरफ जहां पेट्रोल व डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं वहीं इससे प्रदूषण में भी काफी इजाफा हो रहा है।
छात्र-छात्राओं ने बताया कि यदि हमारा समाज ईको-ह्वीकल ड्राइविंग को आत्मसात कर ले तो इससे न केवल पेट्रोल और डीजल की बचत होगी बल्कि प्रदूषण भी कम फैलेगा और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा। विजेता टीम के सदस्यों ने बताया कि ईको ड्राइविंग व्यवहार और प्रशिक्षण प्रथाओं से ईंधन अर्थव्यवस्था में 11 से 50 फीसदी तक का सुधार हो सकता है। इसके अलावा सीओटू के उत्सर्जन में भी भारी कमी हो सकती है। इससे पर्यावरण के अलावा सामाजिक लाभ भी है। भारत में एक टन सीओटू उत्सर्जन से अर्थव्यवस्था को लगभग 86 डॉलर का नुकसान होता है।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करना है। ऐसे कार्यक्रमों से सहयोग और टीम वर्क को प्रोत्साहन मिलता है। प्रो. अवस्थी ने कहा कि जी.एल. बजाज छात्र-छात्राओं के बीच नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने को प्रतिबद्ध है। इस सफल कार्यक्रम के लिए उन्होंने विभिन्न विभाग प्रमुखों तथा संकाय सदस्यों के मार्गदर्शन की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। कुल मिलाकर आइडियाथॉन एक उल्लेखनीय कार्यक्रम रहा, जिसमें न केवल छात्र-छात्राओं को प्रतिभा प्रदर्शन का मौका मिला बल्कि उन्हें बहुत कुछ सीखने को भी मिला।
पेट्रोल-डीजल और प्रदूषण बचाने में ईको ड्राइव सबसे कारगर, जी.एल. बजाज के छात्र-छात्राओं ने आइडियाथॉन में रखे अपने विचार
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