रिपोर्ट राघव शर्मा
बरसाना। आज हम सब लोभ जिस ब्रज के प्रत्यक्ष दर्शन कर राधे राधे नाम का आनंद ले रहे हैं इसकी पुर्नस्थापना के भागीरथ बने दक्षिण से आये संत महाप्रभु श्रील नारायण भट्ट जी।
भट्ट जी का नरसिंह चतुर्दशी के दिन ही हुआ। नारायण भट्ट जी की जयंती विधि विधान पूर्वक आज शाम बरसाना के निकट ऊंचागांव में ब्रज की आचार्य गद्दी ब्रजाचार्य पीठ पर नारायण भट्ट जी की समाधि पर मनाई जाएगी। शाम को भट्ट जी की समाधि पर फूल बंगला सजाया जायेगा और महाआरती के बाद ठंडाई प्रसाद का वितरण होगा। यह जानकारी नारायण भट्ट जी के वंशज और ब्रजाचार्य पीठ के प्रवक्ता गोस्वामी घनश्याम राज भट्ट जी ने दी। यह बताते चलें कि नारायण भट्ट जी ने न सिर्फ विलुप्त ब्रज की पुनर्स्थापना कर ब्रजयोद्धार किया, इसके अलावा रासलीलानुकरण, ब्रजयात्रा की शुरुआत, बरसाना ब्रह्मांचल पर्वत पर राधा रानी का प्राकट्य कर लाड़ली जी मन्दिर की स्थापना की।
महाआरती भट्ट जी के वंशज ललितापीठाधीश्वर गोस्वामी कृष्णानंद भट्ट,
ब्रजाचार्य पीठाधीश गोस्वामी उपेंद्र नारायण भट्ट द्वारा की जाएगी और प्रवचन होंगे।