Saturday, November 23, 2024
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पौधरोपण कर के.डी. मेडिकल कॉलेज में मनाया विश्व पर्यावरण दिवस, हर व्यक्ति पर्यावरण संरक्षण को अपना कर्तव्य समझेः डॉ. आर.के. अशोका

मथुरा। प्रकृति के संरक्षण बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इस बात की जानकारी होते हुए भी लोग प्रकृति और पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण आज दुनिया विनाश की ओर जा रही है। यदि जनजीवन को बचाना है तो हर व्यक्ति को अधिक से अधिक पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण को अपना कर्तव्य मानना होगा। उक्त बातें के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण के बाद चिकित्सकों तथा मेडिकल छात्र-छात्राओं को बताईं।
के.डी. मेडिकल कॉलेज की स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी के सचिव डॉ. राहुल गोयल की अगुवाई में बुधवार को संस्थान के क्रीड़ांगन में पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल, प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार, विभागाध्यक्ष (महिला एवं प्रसूति) डॉ. वी.पी. पाण्डेय, डॉ. राहुल गोयल, कार्यालय प्रभारी लव अग्रवाल तथा मेडिकल छात्र-छात्राओं अभिषेक सकलानी, आयुषी अग्रवाल, सिद्धार्थ, शिव संधू आदि ने पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
पौधरोपण के बाद प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि अत्यधिक बढ़ते तापमान का एक कारण ग्लोबल वार्मिंग है, जो मानव जीवन को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। विश्व पर्यावरण दिवस इस बात की याद दिलाता है कि आज की पीढ़ी को आने वाली पीढ़ी के लिए पर्यावरण को संरक्षित करना कितना महत्वपूर्ण है। श्री अग्रवाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और जंगलों की कटाई ही बढ़ते प्रदूषण की मुख्य वजह है। यदि हम सभी पर्यावरण संरक्षण को अपना कर्तव्य समझ लें तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आने वाली पीढ़ियों को बेहतर और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मानव और पर्यावरण के बीच गहरे सम्बन्ध को समझना जरूरी है, तभी लोग इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। डॉ. आर.के. अशोका ने बताया कि इस साल की थीम ‘भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता’ है। उन्होंने कहा कि बिगड़ते पर्यावरण से सिर्फ हमारा देश ही नहीं बल्कि दुनिया के अधिकांश देश प्रभावित हैं। उन्होंने सभी चिकित्सकों तथा मेडिकल छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि यदि बिगड़ते पर्यावरण को बचाना है तो हम सभी को अपने जन्मदिन या शुभ अवसरों पर पांच-पांच पौधे लगाकर उनके संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए।
उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने कहा कि लगातार बढ़ता प्रदूषण सिर्फ मनुष्यों के लिए ही नहीं बल्कि हमारी प्रकृति के लिए भी खतरनाक है। स्वस्थ और स्वच्छ प्रकृति मानव जीवन का आधार है। प्रकृति हमें जीवन जीने के लिए सभी जरूरी चीजें उपलब्ध कराती है, ऐसे में इसका दोहन हमारे जनजीवन को प्रभावित कर सकता है। पर्यावरण दिवस मनाने का मकसद प्रकृति को प्रदूषण और दूसरे खतरों से बचाना है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण और ऊर्जा संरक्षण जैसे उपायों को अपनाकर हम पर्यावरण की रक्षा में बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं।

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