मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने एक ऐसी नवजात बच्ची को नवजीवन दिया है जिसकी जन्म से ही आंतें पेट से बाहर थीं तथा एक झिल्लीनुमा आवरण से ढकी हुई थीं। डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने 21 जून को सर्जरी के माध्यम से आंतों और यकृत को पुनः बच्ची के पेट के अंदर करने में सफलता हासिल की। अब नवजात बच्ची मां का दूध पी रही है तथा पूरी तरह से खतरे से बाहर है। 25 जून को उसे छुट्टी दे दी गई।
जानकारी के अनुसार ग्राम नगला जुरेला नंदगांव, तहसील छाता, जनपद मथुरा निवासी शौकत 20 जून को अपनी नवजात बच्ची साफिया को लेकर के.डी. हॉस्पिटल आया तथा शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा से मिला। डॉ. शर्मा ने नवजात बच्ची को देखा जिसकी आंतें पेट से बाहर थीं तथा एक झिल्लीनुमा आवरण से ढकी हुई थीं। जन्मजात विकृति स्पष्ट थी लिहाजा डॉ. शर्मा ने जांचें कराना उचित नहीं समझा। उन्होंने बच्ची के आपरेशन की सलाह दी।
शौकत की रजामंदी के बाद 21 जून को डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने नवजात साफिया की सर्जरी कर दी। डॉ. शर्मा ने आंतों की उलझन को ठीक करने के बाद आंतों एवं यकृत जोकि बाहर थे उनको अंदर डालने के बाद पेट की सिलाई कर दी। सर्जरी से बच्ची की जान बच गई तथा वह मां का दूध पीने लगी है। मेडिकल भाषा में इस सर्जरी को एक्जोम्फेलोस कहते हैं। इस सर्जरी में डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का सहयोग डॉ. समर्थ, डॉ. अनुराग, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. शालिनी तथा डॉ. पुष्पेन्द्र ने किया।
डॉ. शर्मा का कहना है कि यह सर्जरी काफी मुश्किल थी। आंतों को फिर से मूल स्वरूप में व्यवस्थित किया गया तथा कुछ घंटे के बाद ही आंतें क्रियाशील हो गईं। डॉ. शर्मा ने बताया कि यह अत्यंत गम्भीर बीमारी है। इसमें पेट की एक झिल्ली के सहारे ही आंतें टिकी रहती हैं। इस तरह की बीमारी वाले अधिकांश शिशुओं में हृदय व रीढ़ की हड्डी में विकृति आ जाती है। बच्चों के बचने की गुंजाइश भी कम होती है। डॉ. शर्मा ने बताया कि के.डी. हॉस्पिटल में पहले भी ऐसी बीमारी से ग्रसित बच्चे आते रहे हैं, लेकिन यह केस जटिल था। आंतें बाहर आने से उसमें संक्रमण फैलने का डर था। बच्ची का हार्ट फंक्शन कमजोर होने के साथ उसका वजन भी काफी कम था।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका आदि ने नवजात बच्ची को नवजीवन देने वाले चिकित्सकों को सफल सर्जरी के लिए बधाई देते हुए साफिया के स्वस्थ जीवन की कामना की है।
के.डी. हॉस्पिटल में नवजात बच्ची को मिला नवजीवन, जन्म से ही साफिया की आंतें पेट से बाहर थींडॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने की मुश्किल सर्जरी
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