गोवर्धन देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए है।नए कानून में धारा 375 और 376 की जगह बलात्कार की धारा 63 होगी।सामूहिक बलात्कार की धारा 70 होगी हत्या के लिए धारा 302 की जगह धारा 101 होगी।भारतीय न्याय संहिता में 21 नए अपराधों को जोड़ा गया है।जिसमें एक नया अपराध मॉब लिंचिंग है।इसमें मॉब लिंचिंग पर भी कानून बनाया गया है।41 अपराधों में सजा को बढ़ाया गया है।साथ ही 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ाया गया है।जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएंगे और औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो जाएगा। पीडब्ल्यूडी सभागार में गोवर्धन सीओ आलोक कुमार ने कस्बे के संभ्रान्त लोगों को इसके बारे में जानकारी दी।और बताया कि भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के क्रमश: भारतीय दंड संहिता दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे।नए कानूनों से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी।जिसमें जीरो एफआईआर पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना।एसएमएस मोबाइल फोन पर संदेश के जरिये समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे।भारतीय दंड संहिता में 511 धाराएं थीं।लेकिन भारतीय न्याय संहिता में धाराएं 358 हैं।दरअसल ओवरलैप धाराओं का आपस में विलय कर दिया गया तथा उन्हें सरलीकृत किया गया है।जिससे भारतीय दंड संहिता की 511 धाराओं के मुकाबले इसमें केवल 358 धाराएं होंगी।वहीं और जानकारी देते हुए बताया कि जीरो एफआईआर से अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकता है।भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ हो।इससे कानूनी कार्यवाही शुरू करने में होने वाली देरी खत्म होगी और मामला तुरंत दर्ज किया जा सकेगा।आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा और पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे।दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट सात दिन के भीतर देनी होगी।नए कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है।राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है और सभी तलाशी तथा जब्ती की कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है।बच्चों को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है और किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है।नाबालिग से दुष्कर्म भीड़ द्वारा पीटकर हत्या करने झपटमारी आदि मामलों से निपटने के लिए प्रावधान किये गए हैं।इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से भी रिपोर्ट दर्ज होंगी।अब कोई भी व्यक्ति पुलिस थाना गये बिना इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज करा सकता है।इससे मामला दर्ज कराना आसान और तेज हो जाएगा तथा पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही की जा सकेगी।नए कानूनों में महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गई है जिससे मामले दर्ज किए जाने के दो महीने के भीतर जांच पूरी की जाएगी।नए कानूनों के तहत पीड़ितों को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा।गवाहों की सुरक्षा व सहयोग सुनिश्चित किया जाए और कानूनी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता व प्रभाव बढ़ाया जाए।अब लैंगिकता की परिभाषा में ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं जिससे समावेशिता और समानता को बढ़ावा मिलता है।अदालतें समय रहते न्याय देने के लिए मामले की सुनवाई में अनावश्यक विलंब से बचने के वास्ते अधिकतम दो बार मुकदमे की सुनवाई स्थगित कर सकती हैं।नए कानूनों में सभी राज्य सरकारों के लिए गवाह सुरक्षा योजना लागू करना अनिवार्य है ताकि गवाहों की सुरक्षा व सहयोग सुनिश्चित किया जाए और कानूनी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता व प्रभाव बढ़ाया जाए।अब लैंगिकता की परिभाषा में ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं जिससे समावेशिता और समानता को बढ़ावा मिलता है।पीड़िता का बयान पुलिस द्वारा ऑडियो वीडियो माध्यम के जरिए दर्ज किया जा सकेगा।महिलाओं पंद्रह वर्ष की आयु से कम उम्र के लोगों 60 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों तथा दिव्यांग या गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को पुलिस थाने आने से छूट दी जाएगी और वे अपने निवास स्थान पर ही पुलिस सहायता प्राप्त कर सकते हैं।इस मौके पर गोवर्धन एसडीएम नीलम श्रीवास्तव गोवर्धन सीओ आलोक कुमार थानाध्यक्ष विनोद बाबू मिश्रा गोवर्धन चैयरमैन प्रतिनिधि मनीष लम्बरदार सभी उप निरीक्षक सहित कस्बा एवं देहात के संभ्रान्त लोग उपस्थित रहे जिन्होंने नए कानूनों को जनता के हित में बताया।
अब आईपीसी की धाराओं की जगह, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) होगी लागू
@302 (हत्या) की जगह होगी_103
@307 (हत्या का प्रयास)_109
@323 (मारपीट) 115
@354(छेड़छाड़) की जगह_74
@354ए (शारीरिक संपर्क और आगे बढ़ना)_76
@354बी (शारीरिक संस्पर्श और अश्लीलता_75
@354सी (ताक-झांक करना)_77
@354डी (पीछा करना)_78
@363 (नाबालिग का अण्डरण करस)_139
@376 (रेप करना)_64
@392 (लूट करना)_309
@420 (धोखाधड़ी)_318
@506 (जान से मारने की धमकी देना_351
@304ए (उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करना_106
@304बी (दहेज हत्या)_80
@306 (आत्महत्या के लिए उकसाना_108
@509(आत्महत्या का प्रयास करना_79
@286(विस्फोटक पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण)_287
@294( गाली देना या गलत इशारे करना)_296
@509 लज्जा भंग करना)_79
@324 जानबूझकर चोट पहुंचाना)_118(1)
@325 (गम्भीर चोट पहुंचाना)_118(2),
@353 (लोकसेवक को डरा कर रोकना_121
@336 दूसरे के जीवन को खतरा पहुंचाना_125
@337 (मानव जीवन को खतरे वाली चोट पहुंचाना)_125(ए)
@338 (मानव जीवन को खतरे वाली चोट_125(बी)
@341 (किसी को जबरन रोकना_126
@284 विषैला पदार्थ के संबंध में अपेक्षा पूर्ण आचरण_286
@290 (अन्यथा अनुबंधित मामलों में लोक बाधा दंड)_292
@447 अपराधिक अतिवार_329(3)
@448 (गृह अतिचार के लिए दंड)_329(4)
@382 (चोरी के लिए मृत्यु क्षति_304
@493 दूसरा विवाह करना)_82
@495ए (पति या उसके रिश्तेदार द्वारा क्रूरता)_85