मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में संस्कृति मिलन के द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का आयोजन किया गया। यह दिवस डॉक्टरों और स्वास्थ्य देखभाल करने वाले पेशेवरों के महत्वपूर्ण योगदान का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय सचिव व डायरेक्टर आफ एप्लाइड पालिटिकल सेंटर डा रजनीश त्यागी ने बताया कि राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस व्यक्तिगत जीवन और समुदायों में चिकित्सकों के योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया जाने वाला दिन है। इस दिन को मनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्मृति की घटना के आधार पर तारीख देश-दर-देश अलग-अलग होती है। कुछ देशों में इस दिन को छुट्टी के रूप में मनाया जाता है। हालाँकि इसे स्वास्थ्य सेवा उद्योग के रोगियों और लाभार्थियों द्वारा मनाया जाना चाहिए , लेकिन इसे आमतौर पर स्वास्थ्य सेवा संगठनों द्वारा मनाया जाता है। कर्मचारी डॉक्टरों के लिए दोपहर के भोजन का आयोजन कर सकते हैं, जिसके दौरान चिकित्सकों को सम्मान के प्रतीक दिए जाते हैं। ऐतिहासिक रूप से, चिकित्सकों और उनके जीवनसाथी को एक कार्ड या लाल कार्नेशन भेजा जा सकता है, साथ ही मृतक चिकित्सकों की कब्रों पर एक फूल रखा जाता है ।
डा. रजनीश ने कहा कि भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस एक जुलाई को चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के पहले मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की याद में मनाया जाता है। उनका जन्म एक जुलाई, 1882 को हुआ था और 1962 में इसी तारीख को उनकी मृत्यु हो गई थी। एक जुलाई को डॉ. बिधान चंद्र रॉय की जयंती भी मनाई जाती है। डा. राय एक प्रसिद्ध चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे हैं तथा डॉ. रॉय को उनके चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान के लिए भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है ।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता व सी ई ओ डा मीनाक्षी शर्मा ने डाक्टरों सहित सभी मेडिकल क्षेत्र में सराहनीय योगदान करने वाले लोगों को शुभकामनाएं प्रदान की। डीन छात्र कल्याण डा धर्मेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि भारत सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र में डा. रॉय का अमूल्य योगदान को मान्यता देने के लिए एक जुलाई 1991 को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस घोषित किया । इस बार राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस 2024 की थीम “हीलिंग हैंड्स, केयरिंग हार्ट्स” है।
संस्कृति आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा मोहनन ने सभागार में उपस्थित लोगों को आयुर्वेद सहित प्राकृतिक व योगाभ्यास से निरोग रहने के उपायों पर विचार व्यक्त किये। अंत में श्री रतीश शर्मा ने सभी को आभार व्यक्त किया।
संस्कृति विश्वविद्यालय में मनाया गया राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस
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