Saturday, November 23, 2024
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प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के मुंबई में 29,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री ने ठाणे बोरीवली ट्विन टनल परियोजना और गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड परियोजना में सुरंग कार्य का शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री ने नवी मुंबई में कल्याण यार्ड रीमॉडलिंग और गति शक्ति मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल का शिलान्यास किया

उन्होंने लोकमान्य तिलक टर्मिनस में नए प्लेटफॉर्म और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन पर प्लेटफॉर्म 10 और 11 का विस्तार राष्ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री ने लगभग 5600 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना का शुभारंभ किया

“निवेशकों ने सरकार के तीसरे कार्यकाल का उत्साहपूर्वक स्वागत किया है”

“मेरा लक्ष्य महाराष्ट्र की शक्ति का उपयोग करके इसे दुनिया की आर्थिक महाशक्ति में बदलना है; मुंबई को दुनिया की फिनटेक राजधानी बनाएं”

“देश की जनता लगातार तेज विकास चाहती है, अगले 25 वर्ष में भारत को विकसित बनाना चाहती है”

“बड़ी संख्या में कौशल विकास और रोजगार भारत की समय की मांग है”

“एनडीए सरकार के विकास का मॉडल वंचितों को वरीयता देने का रहा है”

“महाराष्ट्र ने भारत में सांस्कृतिक, सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना का प्रचार-प्रसार किया है”
Posted On: 13 JUL 2024 7:21PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के मुंबई में सड़क, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र से जुड़ी 29,400 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुंबई और आस-पास के क्षेत्रों के बीच सड़क और रेल संपर्क को बेहतर बनाने के लिए 29,400 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखने और उन्हें समर्पित करने का अवसर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने महाराष्ट्र के युवाओं के लिए एक बड़ी कौशल विकास परियोजना के बारे में भी बात की, जिससे राज्य में रोजगार के अवसरों को और बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने वधावन बंदरगाह के बारे में चर्चा की, जिसे हाल ही में केंद्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने कहा, “76,000 करोड़ रुपये की यह परियोजना 10 लाख से अधिक रोजगार का सृजन करेगी।”

पिछले एक महीने में मुंबई में निवेशकों के मूड को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे और बड़े दोनों निवेशकों ने सरकार के तीसरे कार्यकाल का उत्साहपूर्वक स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि स्थिर सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में तिगुनी गति से काम करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के पास एक गौरवशाली इतिहास, एक सशक्त वर्तमान और एक समृद्ध भविष्य के सपने हैं। भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महाराष्ट्र राज्य की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने उद्योग, कृषि और वित्त क्षेत्र की शक्ति के बारे में बताया, जिसने मुंबई को देश का वित्तीय केंद्र बनाया है। श्री मोदी ने कहा, “मेरा लक्ष्य महाराष्ट्र की शक्ति का उपयोग करके इसे दुनिया की आर्थिक महाशक्ति में बदलना है; मुंबई को दुनिया की फिनटेक राजधानी बनाना है।” श्री मोदी ने महाराष्ट्र के शिवाजी महाराज के शानदार किलों, कोंकण तटरेखा और सह्याद्री पर्वत श्रृंखला पर प्रकाश डालते हुए महाराष्ट्र के पर्यटन में शीर्ष स्थान हासिल करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने चिकित्सा पर्यटन और सम्मेलन पर्यटन में राज्य की क्षमता के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र भारत में विकास का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है और हम इसके सहयात्री हैं।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि आज का कार्यक्रम ऐसे संकल्पों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता है।

21वीं सदी में भारतीय नागरिकों की उच्च आकांक्षाओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अगले 25 वर्षों में विकसित भारत के राष्ट्रीय संकल्प को दोहराया। उन्होंने इस यात्रा में मुंबई और महाराष्ट्र की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि मुंबई और महाराष्ट्र में सभी के लिए जीवन की गुणवत्ता बढ़े। हम मुंबई के आस-पास के इलाकों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने तटीय सड़क और अटल सेतु के पूरा होने का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि लगभग 20 हजार वाहन रोजाना अटल सेतु का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे अनुमानित 20-25 लाख रुपये का ईंधन बच रहा है। उन्होंने कहा कि मुंबई में मेट्रो प्रणाली तेजी से विकसित हो रही है, क्योंकि मेट्रो लाइन की लंबाई एक दशक पहले के 8 किलोमीटर से बढ़कर आज 80 किलोमीटर हो गई है और 200 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क पर काम चल रहा है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नागपुर स्टेशन के पुनर्विकास का जिक्र करते हुए कहा, “भारतीय रेलवे के बदलाव से मुंबई और महाराष्ट्र को बड़ा फायदा हो रहा है।” उन्होंने कहा, “आज छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और लोकमान्य तिलक स्टेशन पर नए प्लेटफॉर्म राष्ट्र को समर्पित किए गए, जिससे 24 कोच लंबी ट्रेनें वहां से चल सकेंगी।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में महाराष्ट्र में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई तीन गुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड (जीएमएलआर) परियोजना प्रकृति और प्रगति का एक बेहतरीन उदाहरण है। ठाणे बोरीवली ट्विन टनल परियोजना से ठाणे और बोरीवली के बीच की दूरी कुछ मिनटों तक सीमित हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने देश के तीर्थ स्थलों को विकसित करने के साथ-साथ यात्रा को आसान बनाने और तीर्थयात्रियों के लिए सेवाओं का विस्तार करने के सरकार के प्रयास को दोहराया। उन्होंने कहा कि पंढरपुर वारी में लाखों तीर्थयात्री भाग ले रहे हैं और तीर्थयात्रियों की यात्रा को आसान बनाने के लिए लगभग 200 किलोमीटर लंबे संत ज्ञानेश्वर पालकी मार्ग और लगभग 110 किलोमीटर लंबे संत तुकाराम पालकी मार्ग के निर्माण के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि ये दोनों सड़कें जल्द ही चालू हो जाएंगी।

श्री मोदी ने कहा कि यह कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर्यटन, कृषि और उद्योग में मदद कर रहा है, रोजगार में सुधार कर रहा है और महिलाओं के लिए आराम की सुविधा प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा, “एनडीए सरकार के ये कार्य गरीबों, किसानों, महिला शक्ति और युवा शक्ति को सशक्त बना रहे हैं।” उन्होंने 10 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने और मुख्यमंत्री युवा कार्यक्रम प्रशिक्षण योजना के तहत छात्रवृत्ति जैसी पहलों के लिए डबल इंजन सरकार की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा, “कौशल विकास और बड़ी संख्या में रोजगार भारत में समय की जरूरत है।” उन्होंने कोविड महामारी के बावजूद पिछले 4-5 वर्षों में भारत में रिकॉर्ड रोजगार सृजन पर प्रकाश डाला। श्री मोदी ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रोजगार पर हाल ही में जारी विस्तृत रिपोर्ट पर प्रकाश डाला और बताया कि पिछले 3-4 वर्षों में लगभग 8 करोड़ रोजगार के अवसर तैयार हुए हैं, जिससे आलोचकों का मुंह बंद हो गया है। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से भारत के विकास के खिलाफ फैलाई जा रही झूठी कहानियों से सतर्क रहने को भी कहा। उन्होंने कहा कि जब पुल बनते हैं, रेलवे ट्रैक बिछाए जाते हैं, सड़कें बनती हैं और लोकल ट्रेनें बनती हैं तो रोजगार पैदा होता है। उन्होंने कहा कि देश में रोजगार की दर सीधे बुनियादी ढांचे के विकास के समानुपाती है।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “एनडीए सरकार के विकास का मॉडल वंचितों को वरीयता देने का रहा है।” उन्होंने नई सरकार के पहले फैसले का जिक्र किया जिसमें गरीबों के लिए 3 करोड़ घर बनाने का फैसला किया गया। 4 करोड़ परिवारों को पहले ही घर मिल चुके हैं। महाराष्ट्र में लाखों दलितों और वंचितों को भी आवास योजना का लाभ मिला है। उन्होंने कहा, “हम शहरों में रहने वाले गरीबों और मध्यम वर्ग दोनों के लिए घर के मालिक होने के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

उन्होंने रेहड़ी-पटरी वालों के जीवन में गरिमा बहाल करने में स्वनिधि योजना की भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत लगभग 90 लाख ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें महाराष्ट्र में 13 लाख और मुंबई में 1.5 लाख शामिल हैं। उन्होंने एक अध्ययन का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि इस योजना के परिणामस्वरूप इन विक्रेताओं की आय में 2 हजार रुपये मासिक की वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री ने स्वनिधि योजना की एक विशेषता पर प्रकाश डाला और देश के गरीबों, विशेषकर रेहड़ी-पटरी वालों के आत्मसम्मान और शक्ति के बारे में बताया, जिन्होंने इस योजना के तहत बैंक ऋण लिया और समय पर उसका भुगतान भी किया। उन्होंने बताया कि स्वनिधि योजना के लाभार्थियों ने अब तक 3.25 लाख करोड़ रुपये का डिजिटल लेनदेन किया है।

प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबासाहेब अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, अन्नाभाऊ साठे, लोकमान्य तिलक और वीर सावरकर की विरासत के बारे में चर्चा करते हुए कहा, “महाराष्ट्र ने भारत में सांस्कृतिक, सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना का प्रचार-प्रसार किया है।” प्रधानमंत्री ने नागरिकों से आगे बढ़ने और सामंजस्यपूर्ण समाज और मजबूत राष्ट्र के उनके दृष्टिकोण को पूरा करने का आह्वान किया। संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने नागरिकों से यह ध्यान रखने का आग्रह किया कि समृद्धि का मार्ग सद्भाव और सौहार्द से ही निकलता है।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेश बैस, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़नवीस और श्री अजीत पवार, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले के साथ-साथ अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने 16,600 करोड़ रुपये की लागत वाली ठाणे बोरीवली सुरंग परियोजना की आधारशिला रखी। ठाणे और बोरीवली के बीच यह ट्विन ट्यूब सुरंग संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नीचे से गुजरेगी, जिससे बोरीवली की तरफ वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और ठाणे की तरफ ठाणे घोड़बंदर रोड के बीच सीधा संपर्क कायम होगा। परियोजना की कुल लंबाई 11.8 किमी है। इससे ठाणे से बोरीवली की यात्रा 12 किमी कम हो जाएगी और यात्रा में लगने वाले समय में लगभग 1 घंटे की बचत होगी।

प्रधानमंत्री ने गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड (जीएमएलआर) परियोजना में सुरंग निर्माण कार्य की आधारशिला रखी, जिसकी लागत 6300 करोड़ रुपये से अधिक है। जीएमएलआर में गोरेगांव में पश्चिमी एक्सप्रेस हाईवे से मुलुंड में पूर्वी एक्सप्रेस हाईवे तक सड़क संपर्क की परिकल्पना की गई है। जीएमएलआर की कुल लंबाई लगभग 6.65 किलोमीटर है और यह नवी मुंबई में नए प्रस्तावित हवाई अड्डे और पुणे मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ पश्चिमी उपनगरों के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री ने नवी मुंबई के तुर्भे में कल्याण यार्ड रीमॉडलिंग और गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल की आधारशिला भी रखी। कल्याण यार्ड लंबी दूरी और उपनगरीय यातायात को अलग करने में मदद करेगा। रीमॉडलिंग से अधिक ट्रेनों को संभालने के लिए यार्ड की क्षमता बढ़ेगी, भीड़भाड़ कम होगी और ट्रेन संचालन की दक्षता में सुधार होगा। नवी मुंबई में गति शक्ति मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल 32600 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बनाया जाएगा। यह स्थानीय लोगों को रोजगार के अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगा और सीमेंट और अन्य वस्तुओं को संभालने के लिए एक अतिरिक्त टर्मिनल के रूप में काम करेगा।

प्रधानमंत्री ने लोकमान्य तिलक टर्मिनस के नए प्लेटफॉर्म और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 और 11 के विस्तार को राष्ट्र को समर्पित किया। लोकमान्य तिलक टर्मिनस के नए लंबे प्लेटफॉर्म लंबी ट्रेनों को समायोजित कर सकते हैं, प्रति ट्रेन अधिक यात्रियों के लिए रास्ता बना सकते हैं और बढ़ते यातायात को संभालने के लिए स्टेशन की क्षमता में सुधार कर सकते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 और 11 को कवर शेड और वॉशेबल एप्रन के साथ 382 मीटर तक बढ़ाया गया है। इससे ट्रेनों की संख्या 24 कोच तक बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी।

प्रधानमंत्री ने लगभग 5600 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना का शुभारंभ किया। यह एक परिवर्तनकारी इंटर्नशिप कार्यक्रम है, जो 18 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं को कौशल संवर्धन और उद्योग में अनुभव के अवसर प्रदान करके युवाओं के बीच बेरोजगारी की समस्या का समाधान करता है।

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