आगरा/झांसी द्वारा गुम हुए बच्चों को परिजनों से मिलाए जाने के क्रम में चलाए जा रहे ऑपरेशन मुस्कान के अंतर्गत
आवेदक राजेश नामदेव पुत्र फूलचन्द्र निवासी छोला मन्दिर दशहरा मैदान थाना छोला मन्दिर जिला भोपाल मध्य प्रदेश की पत्नी छमा बाई आवेदक से नाराज होकर बिना जानकारी के भोपाल से मथुरा के लिये ट्रेन में बैठकर आ गई थी उसके बाद दिनांक 13.06.2024 से 22.06.2024 तक गौरी गोपाल बृद्धा आश्रम में पंडाल में रहकर खाना पीना खाकर आसपास के मन्दिरों में घूमती रही फिर दिनांक 24.06.2024 को घर जाकर अपने पति राजेश नामदेव को उसकी अबोध बच्ची अम्रता उम्र करीब 2 वर्ष 06 के गुम होने के सम्बन्ध में अगवत कराया। जिसके उपरान्त दिनाक 27.07.2024 को आवेदन राजेश कुमार द्वारा आईजीआरएस पोर्टल द्वारा सूचना दी गयी कि उसकी बच्ची अम्रता उम्र करीब 2 वर्ष 06 माह रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन से गायब हो गयी है। सूचना के आधार पर मुझ थानाध्यक्ष द्वारा दिनांक 27.07.2024 को आवेदक तथा उसकी पत्नी को थाना स्थानीय पर बुलाया गया पूछताछ में आवेदक की पत्नी छमा बाई ने अवगत कराया कि मैं अपनी बेटी साथ 22.06.2024 को मैं एक ऑटो में बैठकर एक अज्ञात व्यक्ति के साथ ब्रह्माण्ड पर गयी थी उसी दौरान मेरी बच्ची गायब हो गयी थी। छमा बाई द्वारा ऑटो के लास्ट पीछे के दो नम्बर 39 बताया गया था जिसके अनुसार में थानाध्यक्ष संदीप तोमर मय उ0नि0 गौरव कुमार वर्मा मय हमराह है० का0 85 रविशंकर मय म० है०का० राविया फातिमा मय का० अनुराग शर्मा मय का० सोनू कुमार द्वारा रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाले सभी ऑटो के लास्ट नम्बर का मिलान किया गया तो एक ऑटो जिसका नम्बर UP85AT5039 रेलवे स्टेशन से सर्कुलेटिंग एरिया में खड़ा मिला जिसके संबंध में जानकारी की गयी तो ऑटो मालिक का नाम फतेह सिंह था जिसे ड्राइवर दिनेश चलता है जिससे पूँछताछ की गयी तो ड्राइवर दिनेश द्वारा बताया गया कि छमा बाई मेरे ऑटो में बैठकर गयी थी जिसके द्वारा बताया गया कि मेरे पति से मेरी लडाई हो गयी है इसलिये में घर से निकल आयी है मेरे पास खाने-पीने तथा छोटी बच्ची को खाना तथा दूध पिलाने के लिय पैसे नही है। ऑटो ड्राइवर दिनेश द्वारा बताया गया,
कि छोटी बच्ची को देखकर मुझे दया आ गयी जिसके कारण में छमा बाई तथा उसकी बच्ची को लेकर अपने परिजनो के पास ले गया। जिसके बाद दिनांक 24.06.2024 को छमा बाई बिना बताये बच्ची को मेरे परिजनों के साथ छोड़कर घर से चली गयी मैने सोचा कुछ समय वाद आकर अपनी बच्ची को ले जायेगी। लेकर छमा बाई वापस अपनी बच्ची को लेने नहीं आये। मैं थानाध्यक्ष मय टीम के मौके से बच्ची को बरामद कर थाना आया तथा बच्ची को उसके माता-पिता को दिखाया तो बच्ची ने अपनी माँ को पहिचान लिया तथा बच्ची के माता-पिता द्वारा बताया गया कि यही हमारी बच्ची है। बाद मुझ थानाध्यक्ष द्वारा बच्ची को सुकुशल उसके माता-पिता को सुपुर्द कर थाना हाजा से रुखसत किया गया। आवेदक राजेश नामदेव व उसकी पत्नी छमा बाई द्वारा जीआरपी पुलिस मथुरा की भूरि भूरि प्रसंसा की गयी।
आगरा/झांसी द्वारा गुम हुए बच्चों को परिजनों से मिलाए जाने के क्रम में चलाया जा रहा ऑपरेशन मुस्कान
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