मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के विद्यार्थियों को नसीहत देते हुए कहा कि लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करें और कठिनाइयां आने पर रास्ता छोड़ें नहीं। चुने हुए मार्ग पर आगे बढ़ते रहेंगे तो मंजिल जरूर मिलेगी।
पूर्व राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को से कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि हम लक्ष्य के करीब पहुंचकर भ्रम की स्थिति में आ जाते हैं, ऐसा होना स्वभाविक है। ऐसी स्थिति में अपने आप की ताकत को पहचानें, यही ताकत आपके आत्म विश्वास को बढ़ाएगी और भ्रमित होने से बचाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा काम प्रयास और मेहनत करना होता है, कठिनाई आने पर एक कदम पीछे हटकर फिर से सभी प्रयासों पर गौर करना चाहिए और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए। अपने वक्तव्य में उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को अच्छा इंसान बनना चाहिए। आपके लिए ये सौभाग्य की बात है कि आप संस्कृति विवि में पढ़ रहे हैं, जिसका लक्ष्य ही शिक्षा के साथ-साथ आपको अच्छा इंसान बनाना है। जब लोग अच्छे होते हैं तो परिवार में भी सद्भाव होता है। परिवारों के बीच और अंदर सद्भाव होता है तो अच्छा समाज बनता है। समाज अच्छा होता है तो देश अच्छा होता है आगे बढ़ता है।
संस्कृति विवि के पांचवें दीक्षांत समारोह का दीप जलाकर शुभारंभ करते पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद। साथ में हैं विवि के कुलाधिपति डा.सचिन गुप्ता एवं कुलपति डा. एमबी चेट्टी।
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद जी ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के लोगों के स्वास्थ्य में बड़ी गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। एक स्वस्थ समाज के लिए स्वस्थ शरीर और बेहतर शिक्षा आवश्यक है। स्वस्थ रहने के लिए योग करें और रोगों से दूर रहें। अपने जीवन पर दृष्टि डालते हुए उन्होंने कहा कि मैंन बड़ी कठिनाइयों में रहते हुए अपना जीवन किया मैं यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि मैं एक दिन दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देश का राष्ट्रपति पद संभालूंगा। उन्होंने कहा कि आप आगे बढ़ें तो उनका भी ध्यान रखें जिनको आप पीछे छोड़ आए हैं।
पूर्व राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा एक कभी खत्म न होने वाली प्रक्रिया। आप सभी डिग्री पाकर अपने नए चरण में प्रवेश करने जा रहे हैं। आपका उद्देश्य राष्ट्रनिर्माण में सहयोग करने का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि शिक्षा के क्षेत्र में हमारी बेटियों की संख्या तेजी से आगे बढ़ रही है। यहां संस्कृति विवि में भी मैं यह देख रहा हूं कि छात्राओं ने छात्रों से बाजी मारी है।
संस्कृति विवि के पांचवें दीक्षांत समारोह में भाग लेने पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विश्वविद्यालय में बरगद के पौधे का रोपण किया।
संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आभार व्यक्त करते हुए उनके सरल और विनम्र स्वभाव की प्रशंसा की। डा. गुप्ता ने विद्यार्थियों से कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं हम कहां से आते हैं महत्वपूर्ण यह है कि हम समाज को क्या देते हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता का सीना गर्व से तब चौड़ा हो जाता है जब वे अपने बच्चों के नाम से जाने जाते हैं। जब आप देश-विदेश में जाकर संस्कृति विश्वविद्यालय का नाम रौशन करें तो संस्कृति विश्वविद्यालय भी अपने आप पर गर्व कर सकेगा। विश्वविद्यालय की सोच है कि हमारे विद्यार्थी शिक्षा के क्षेत्र में तो नाम रौशन करें ही साथ ही समाज में एक अच्छे इंसान के रूप में अपनी पहचान बनाएं। दीक्षांत समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और विशिष्ठ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वल से हुआ।
दीक्षांत समारोह के अवसर पर संस्कृति विश्वविद्यालय में स्थापित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण भी पूर्व राष्ट्रपति द्वारा किया गया । इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति संस्कृति विवि में एक बरगद का पौधा भी लगाया। समारोह के दौरान विभिन्न क्षेत्रों की अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त छह हस्तियों को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मानद् उपाधि प्रदान कीं।