- बेसुध युवक का 20 जुलाई से चल रहा निःशुल्क उपचार
मथुरा। मरीजों के प्रति संवेदनशीलता व हमदर्दी की सोच ही चिकित्सक को भगवान का दर्जा देती है। चिकित्सा के क्षेत्र में के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर लगातार समाज के सामने सेवाभाव और मानवता की मिसाल पेश कर रहा है। 20 जुलाई को के.डी. हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी ने एक ऐसे अनजान युवक की जान बचाई जिसका कोई अता-पता ही नहीं है। युवक का अभी भी इलाज चल रहा है लेकिन वह बेसुध है।
चिकित्सकों से मिली जानकारी के अनुसार युवक को 20 जुलाई को नेशनल हाईवे की एम्बुलेंस से मरणासन्न स्थिति में के.डी. हॉस्पिटल लाया गया था। सम्भवतः इसे किसी वाहन ने टक्कर मार दी हो। न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह का कहना है कि दुर्घटना से युवक का काफी खून निकल चुका था तथा वह होश में नहीं था। उसके मस्तिष्क ने भी पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया था। इस नाजुक स्थिति में हमारा पहला प्रयास युवक की जान बचाना था। डॉ. अवतार सिंह बताते हैं कि कई घंटे की मेहनत के बाद युवक की जान बचाई जा सकी। यदि उसे यहां लाने में और विलम्ब हो जाता तो उसकी जान बचाना मुश्किल था।
न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह का कहना कि युवक के मस्तिष्क का उपचार करने के बाद अब उसके सीने में आई गम्भीर चोटों तथा अन्य दिक्कतों का उपचार डॉ. एस.के. बंसल की निगरानी में किया जा रहा है। डॉक्टरों का मानना है कि अब युवक खतरे से बाहर है तथा वह बोल पाएगा लेकिन कब तक कुछ नहीं कहा जा सकता। एक अनजान युवक की जान बचाने तथा उपचार करने वाले चिकित्सकों का कहना है कि उन्होंने तो सिर्फ अपने चिकित्सकीय धर्म का पालन किया है, इस युवक की जीवन रक्षा का महती दायित्व तो आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने निभाया है। के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन ने एक अनजान युवक का निःशुल्क उपचार कर समाज के सामने एक नजीर पेश की है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने युवक की जान बचाने वाले चिकित्सकों तथा टेक्नीशियनों को बधाई देते हुए कहा कि किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है। हमें अपने आसपास, समाज, गली-मोहल्ले, कस्बे में हर जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। अपने आपको सौभाग्यशाली समझना चाहिए कि भगवान ने हमें इस लायक समझा है कि हम किसी जरूरतमंद की मदद कर सकते हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मनुष्य जीवन को सही ढंग से वही इंसान जीता है, जो दूसरों में खुशियां बिखेरता है। ऐसा करने से आत्मा भी खुश रहती है।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल का उद्देश्य धानार्जन नहीं बल्कि पीड़ित मानवता की सेवा करना है। श्री अग्रवाल ने कहा कि मरीजों को स्वस्थ करना उनका कर्म है लेकिन सामाजिक सेवा उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। के.डी. हॉस्पिटल के सेवा कार्यों का उद्देश्य समाज में अलग पहचान बनाना या नाम कमाना नहीं बल्कि लोगों की हरसम्भव मदद करना है। श्री अग्रवाल ने चिकित्सा के पेशे में आने वाले युवा चिकित्सकों का आह्वान किया कि वे मरीजों के साथ स्नेह का रिश्ता बनाएं ताकि वे अपनी परेशानी खुलकर बता सकें। अंत में श्री अग्रवाल ने आमजन से विनम्र अपील की है कि यह युवक अभी होश में नहीं है, उसके स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। यदि किसी को इस युवक की जानकारी हो तो तुरंत इसके घर वालों को सूचित करें ताकि वे इससे के.डी. हॉस्पिटल, मथुरा में सम्पर्क कर सकें।