ग्रेटर नोएडा : अपने 27 वर्ष की शैक्षणिक यात्रा में जीएलए विश्वविद्यालय ने आमूलचूल परिवर्तन किए हैं। चाहे वह तकनीकी शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर रोजगारपरक शिक्षा तथा शोध की बात हो। यही कारण है कि आज उत्कृष्ट शिक्षा क्षेत्र में जीएलए ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी ख्याति बनाई है। हर एक दिन नवागंतुक विद्यार्थी के जीवन में परिवर्तन लाना विश्वविद्यालय का ध्येय है।
यह बात ग्रेटर नोएडा कैंपस में इंजीनियरिंग के नवागंतुक विद्यार्थियों के लिए आयोजित ऑरिएंटेशन कार्यक्रम में जीएलए विश्वविद्यालय के सीईओ एवं मोटीवेशनल स्पीकर नीरज अग्रवाल ने कहीं। विद्यार्थियों को प्रेरणादायक अनुभव साझा करते हुए कहा कि इंटर स्कूली यानि परम्परागत पाठ्यक्रम के बाद तकनीकी एवं व्यवसायिक पाठयक्रम से जुड़े हैं, जहां से विद्यार्थी जीवन को नई दिशा देखने को मिलेगी। यानि अब विद्यार्थी जीवन में उस रास्ते की शुरूआत होगी जहां से काबिलियत हासिल कर निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करना है। जीएलए विश्वविद्यालय के ग्रेटर नोएडा में ऑफ कैंपस खुलने का भी ध्येय यही है। यह जो जिंदगी है वो ‘लड़ने के लिए है भागने के लिए नहीं। इसलिए हमेशां अपने आप से ही प्यार करना सीखो।
उन्होंने कहा कि पहले स्टेप में हर किसी को कठिनाई होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हार मान ली जाए। क्योंकि डर के आगे ही जीत है। हमेशां खुश रहने, हर एक कठिनाई से लड़ने की ताकत आपको व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा के माध्यम से मिलेगी।
जीएलए के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल एवं सीएफओ विवेक अग्रवाल ने नवागंतुक विद्यार्थियों को शमकानाएं देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के साथ कांधे से कांधा मिलाकर चलेगा। आप सिर्फ पढ़ते रहिए और बढ़ते रहिए।
डीन रिसोर्स जनरेशन एंड प्लानिंग प्रो. दिवाकर भारद्वाज ने कार्यक्रम में सभी आंगतुकों का परिचय देते हुए कहा कि आज इस कैंपस में यह पहला अवसर है जहां नवागंतुक विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी जीएलए परिवार एक हिस्सा बनकर यहां उपस्थित हुए हैं। विद्यार्थियों को आज से ही विजन और मिशन पर फोकस करना होगा। क्योंकि कॉरपोरेट सेक्टर में अवसर बहुत हैं, लेकिन उन्हें हासिल करने के लिए उत्कृष्ट शिक्षा की आवश्यकता है।
बिड 4 बेस्ट के सीईओ जयंत सिंह ने भी ऑरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि परम्परागत शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के दौरान विद्यार्थी जीवन में बहुत कठिनाईयां सामने आती हैं। वह इसलिए क्योंकि जीवन में एक लक्ष्य प्राप्ति का रास्ता यहीं से शुरू होता है। इस लक्ष्य को पाने के लिए एक जगह फोकस बनाकर आगे बढ़ने की जरूरत होती है। नौकरी ही सब कुछ नहीं होती। अगर यह सोचा जाय कि नौकरी पाने की जगह अगर देने वाली व्यवस्था हो जाये तो एक बेहतर सफलता विद्यार्थी जीवन की होती है।
इस दौरान कोफोर्ज आईडीटी के टेक्निकल एनालिस्ट निशांत खुराना, जीएलए के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, कुलसचिव अशोक कुमार सिंह और जीएलए के अल्यूमिनाई अमन गुप्ता ने भी अपने अनुभव साझा किए। जीएलए नोएडा कैंपस के प्रोफेसर डा. सुनील कुमार, डा. हिमांशु शर्मा ने विविध अवसरों के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी।