- जीएलए में आयोजित टेडएक्स कार्यक्रम में प्रतिष्ठित वक्ताओं से रूबरू हुए विद्यार्थी
मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा एवं स्पार्कल टीबीई द्वारा “क्रिएटिविटी अनलेश दा माइंड” थीम पर “टेडएक्स जीएलएयू 24” का भव्य आयोजन किया गया। इस बार के कार्यक्रम में 8 वक्ताओं का संबोधन हुआ। सभी प्रतिष्ठित वक्ताओं ने विद्यार्थियों के साथ सफल कॅरियर आध्यात्म के गुर साझा किए।
कार्यक्रम में जीएलए के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने उद्घाटन भाषण के साथ 8 वक्ताओं में आध्यात्मिक वक्ता इंद्रेश उपाध्याय, पत्रकार रंजना सिंह राठौर, लाइफ कोच मोटिवेशनल स्पीकर विमल डागा, आध्यात्मिक गायक गोविंद कृष्णा दास, शिक्षाविद् राहुल भार्गव, उद्यमी प्रतीक सिंघल, मेडीकल इनोवेटर डॉ. सार्थक बक्शी, सस्टेनेबिलिटी पल्लवी महाजन का स्वागत किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता द्वारा अतिथि वक्ताओं के साथ दीप प्रज्वलित करके किया गया।
आध्यात्मिक वक्ता इंद्रेश उपाध्याय ने अपने भाषण की शुरुआत एक श्लोक से की, उन्होंने बताया कि कैसे युवा आध्यात्म को अपना रहे हैं। उन्होंने धैर्य, क्षमा और यह विचार कि कोई भी आपका शत्रु नहीं है, पर चर्चा की और यह भी सलाह दी कि कम खाना और कम बोलना आपके जीवन में शांति ला सकता है। जबकि कार्यक्रम की शुरुआत आध्यात्मिक गायक गोविंद कृष्णा दास से हुई, जिन्होंने रचनात्मकता पर अपने विचार व्यक्त किए।
उन्होंने बच्चों का उदाहरण देते हुए समझाया कि बच्चे सबसे रचनात्मक होते हैं। इसके बाद, पत्रकार रंजना सिंह राठौर ने महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता पर अपने विचार रखे। फिर शिक्षाविद् राहुल भार्गव ने अपने जीवन के अनुभवों को रचनात्मकता से जोड़ते हुए अपनी यात्रा साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे वे शून्य से ग्लोबल स्तर तक पहुंचे और उन्होंने दुनियाभर में 1,357 सत्र किए।
उद्यमी प्रतीक सिंघल ने अपने करियर की यात्रा साझा की, जिसमें उन्होंने स्टार्टअप्स में अपने अनुभव और असफलता से सफलता तक का सफर मेडिकल इनोवेटर डॉ. सार्थक बक्शी ने रचनात्मकता को खोलने के कुछ पैरामीटर्स जैसे “बॉक्स के अंदर सोचने“, विचारों को उकसाने और चुनौतियों को स्वीकारने के बारे में बताया।
सस्टेनेबिलिटी पायनियर पल्लवी महाजन ने अपने विचार साझा किए और उदाहरणों के साथ सस्टेनेबिलिटी को थीम “क्रिएटिविटी अनलेश दा माइंड” से जोड़ा। फिनटेक इनोवेटर अनंत देशपांडे ने छात्रों को फिनटेक की दुनियां के बारे में जानकारी दी और उन क्षेत्रों पर प्रकाश डाला जहां इसमें सुधार की जरूरत है। उन्होंने नवाचार को रचनात्मकता से जोड़ा और युवाओं को एक स्पष्ट दिशा दिखाई।
अंत में लाइफ कोच विमल डागा ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए और भोजन और पोषण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने युवाओं को मूल्यवान संपत्ति बताते हुए प्रेरित किया और उनकी ऊर्जा को जगाया। अभिषेक गौतम द्वारा बताया गया इस वर्ष का विषय, “रचनात्मकता मन को उजागर करती है में 8 प्रतिष्ठित विभूतियों द्वारा अपने विचार साझा किए, जिससे विद्यार्थियों को प्रेरणा और मोटिवेशन मिला।
कार्यक्रम आयोजक उदय गुप्ता ने जीएलए विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं एवं पूरी टीम को धन्यवाद दिया। कोऑर्डिनेटर जितेन्द्र कुमार ने जीएलए विश्वविद्यालय मैनजमेंट विशेषकर सीईओ नीरज अग्रवाल एवं सीएफओ विवेक अग्रवाल के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में पुष्कर शर्मा, अजितेश कुमार, दीपक शर्मा का योगदान सराहनीय रहा।
जीएलए में फार्मासिस्ट दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रम
मथुरा : विश्व फार्मासिस्ट दिवस विश्व में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अहम भूमिका को निभाने वाली फार्मासिस्ट न केवल दवाओं का वितरण करते हैं, अपितु उनका निर्माण भी करते हैं। प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी जीएलए के फार्मेसी विभाग ने छात्र एवं छात्राओं के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। विभाग के निदेशक प्रो. अरोकिया बाबू एवं विभाग की एचओडी प्रो. मीनाक्षी बाजपेई ने दीप प्रज्वलित कर आयोजन का शुभारंभ किया। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी विभाग में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। डा. जितेंद्र कुमार गुप्ता के नेतृत्व में फार्मा रैली एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया तथा डा. शिल्पी पाठक के नेतृत्व में ऑनलाइन ई पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम वर्ष से मानसी कुमारी बीफार्म, द्वितीय वर्ष से शगुन कुमारी बीफार्म एवं तृतीय वर्ष से अनमोल गोस्वामी बीफार्म और अंतिम वर्षीय रामकृष्ण भारद्वाज बीफार्म ने प्रथम स्थान हासिल किया। ई पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अनुराग सिंह बी फार्म तथा द्वितीय वर्ष से मनु कुमार बीफार्म ने द्वितीय स्थान ग्रहण किया। जीएलए के सर्वसम्माननीय अध्यापक एवं अध्यापिकाओं ने सभी का आभार व्यक्त किया।