Saturday, September 28, 2024
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कुशल संगठनकर्ता, सामाजिक समरसता के पुरोधा थे अशोक सिंघल

  • वेद पूजन कर मनाई गई अशोक सिंघल की जयंती

श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के शिल्पी, हिन्दू मानबिन्दुओं के रक्षक,भारत माता के अमर सपूत महामनीषी श्रद्धेय श्री अशोक सिंघल जी की जयंती के अवसर पर केशव वेद विद्यालय समिति द्वारा वेद पूजन महोत्सव का आयोजन केशव धाम वृन्दावन में हर्षोल्लास के साथ किया गया।
इस अवसर पर केशव धाम के मंत्री सतीश चन्द्र अग्रवाल ने केशव धाम में चल रहे प्रकल्पों की जानकारी दी उन्होंने कहा कि वेदों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु प्रतिवर्ष श्रीअशोक सिंघल जी की जयंती पर वेद पूजन महोत्सव का आयोजन वैदिक विधिविधान के साथ किया जाता है।
इस अवसर पर परम् पूज्य समर्थ श्री त्र्यंबकेश्वर चैतन्य जी महाराज एवं विश्व हिन्दू परिषद उच्चाधिकार समिति के सदस्य महन्त श्री फूलडोल बिहारी दास जी महाराज, पूज्य गंगादास जी महाराज, पूज्य सरयू दास जी महाराज, वेद विद्यालय के संयोजक डॉ सत्यमित्रानन्द जी महाराज, दीर्घ विष्णु मन्दिर के महन्त कान्ता नाथ चतुर्वेदी,डॉ रामदत्त मिश्रा, सन्त ज्ञानेश्वर वेद विद्यालय के प्राचार्य दीलीप जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अशोक सिंघल जी का विचार था भारतीय संस्कृति सभ्यता, संस्कारों एवं परम्पराओं को सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक घर तक वैदिक शिक्षा का पहुंचना अति आवश्यक है।
महोत्सव के मुख्य अतिथि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो दिनेश चन्द्र शास्त्री ने अशोक सिंघल जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा माननीय अशोक सिंघल जी ने आपना सम्पूर्ण जीवन भारत माता की सेवा में समर्पित किया है वे विश्वभर के हिन्दुओं को संगठित करने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहते थे वे कहते थे भारत माता को परमवैभव पर पहुंचाने और पुनः विश्वगुरु बनाने के लिए हमें अपनी वैदिक परम्पराओं को घर घर तक पहुंचाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भदौरिया ग्रुप के चेयरमैन हरिकृष्ण भदौरिया ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि अशोक सिंघल जी ने धर्मजागरण, सेवा, संस्कृत, परावर्तन, गोरक्षा, स्वदेशी जैसे अनेक आयामों को विश्व हिन्दू परिषद से जोड़ा और श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के आन्दोलन के माध्यम से विश्व के करोडों करोड़ों हिन्दुओं को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्कृत भारती मथुरा के अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने अशोक सिंघल जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा वे गौ, गंगा, गीता, गायत्री और हिन्दुओं के सम्मान के लिए सदैव प्रयत्नशील रहते थे वे कुशल संगठनकर्ता व सामाजिक समरसता के पुरोधा थे।
इस अवसर पर संस्कृत भारती प्रान्त अध्यक्ष ओमप्रकाश बंसल,सह मंत्री गौरव गौतम, संगठन मंत्री नरेन्द्र भागीरथी,कैलाश जी अग्रवाल विहिप मथुरा महानगर अध्यक्ष कन्हैया लाल अग्रवाल, योगेश उपाध्याय आवा,रामदास चतुर्वेदी अखिलेश गौड़ , कु•राजा महेन्द्र प्रताप सिंह एडवोकेट,आदि ने विचार व्यक्त करते हुए कहा अशोक सिंघल जी का मानना था कि भारतीय संस्कृति, संस्कार और परम्पराओं को सुरक्षित रखने के लिए संस्कृत भाषा को जनसाधारण की भाषा बनाने की आवश्यकता है तभी हमारे वेदों एवं प्राचीन धर्मग्रंथों का संरक्षण हो सकेगा।
कार्यक्रम का शुभारंभ वेद ग्रंथों का वैदिक विधि विधान से पूजन व जगद्गुरु आदि शंकराचार्य जी एवं श्री अशोक सिंघल जी के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया।
वेद विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री रवीन्द्र शर्मा एवं सुधाकर जी,विक्रान्त, मनोरंजन, ने वैदिक मंगलाचरण प्रस्तुत किया। श्री केशव वेद विद्यालय के वेदपाठी एवं सोऽहम आश्रम, सन्त ज्ञानेश्वर वेद विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सस्वर वेदपाठ किया गया।
महोत्सव में पधारे सभी पूज्य सन्तों एवं अतिथियों को केशव वेद विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा शाल, दुपट्टा,माला,व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर, सरदार राजेन्द्र सिंह होरा, अनिल अग्रवाल मित्तल प्रेस ,राजू बंसल, राधेश्याम जी संदीप चतुर्वेदी, राजेन्द्र शर्मा,दुर्गा प्रसाद। हरिओम जी, संजय जादौन, योगेन्द्र पवन आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में कार्यक्रम संयोजक संस्कृत भारती ब्रजप्रांत न्यास सचिव गंगाधर अरोड़ा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा श्री अशोक सिंघल जी ने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में भारतवर्ष के सभी धर्म व सम्प्रदाय के पूज्य सन्त धर्माचार्यों को एक मंच पर एकत्रित करने का अतुलनीय कार्य किया। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र से किया गया
गंगाधर अरोड़ा कार्यक्रम संयोजक,

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