Saturday, October 5, 2024
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अनुसंधान और शिक्षा के लिए वैश्विक सहयोग अनिवार्यःडा. सचिन

  • अमेरिकी विवि के प्रतिनिधियों ने किया संस्कृति विवि का दौरा

मथुरा। दुनियाभर के विश्वविद्यालयों का संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति आकर्षण बढ़ा है। इसी क्रम में उच्च शिक्षा में अनुसंधान और शैक्षिक अवसरों की खोज के लिए इलिनाय स्प्रिंगफील्ड विवि अमेरिका से एक प्रतिनिधिमंडल का संस्कृति विवि में आगमन हुआ। प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा वैश्विक एकेडमिक सहयोग को बढ़ावा देने के विवि के दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इलिनाय स्प्रिंगफील्ड विवि अमेरिका के प्रतिनिधिमंडल में डॉ. टायरोन डूले, डीन कॉलेज ऑफ पब्लिक अफेयर्स एंड एजुकेशन, एंड्रयू निकोल, इसी विवि के सीनियर एडवाइजर और प्रोफेसर प्रियांका देव, स्टूडेंट मीडिया की निदेशक शामिल थे। स्वागत समारोह में संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने इस तरह के दौरों के महत्व पर जोर दिया और कहा कि बदलते समय के साथ इन विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि आज की तेजी से बदलती दुनिया में, सहयोग केवल लाभकारी नहीं बल्कि अनिवार्य है। इन संस्थानों के बीच विचारों का आदान-प्रदान यह सुनिश्चित करता है कि हमारे छात्र न केवल स्थानीय चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हों, बल्कि वैश्विक नेताओं के रूप में उभरें। उन्होंने आगे कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय अपने छात्रों के लिए शोध, इंटर्नशिप और संयुक्त कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक अवसरों का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने संस्कृति विश्वविद्यालय की अत्याधुनिक सुविधाओं और आतिथ्य की प्रशंसा की। स्टूडेंट मीडिया की निदेशक, प्रोफेसर प्रियांका देव ने कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय ने हमारे लिए एक स्वागतपूर्ण माहौल बनाया है। यह प्रकार के प्रयास भारतीय छात्रों को विदेशों में बेहतर करियर विकल्प प्राप्त करने में मदद करेंगे, खासकर अमेरिका में, जो अवसरों की भूमि है। प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों और छात्रों के साथ गहन बातचीत की। इस दौरान उन्होंने संयुक्त डिग्री कार्यक्रम, शोध सहयोग और छात्र विनिमय की संभावनाओं पर चर्चा की। इस अवसर पर भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आगरा चैप्टर) के सचिव, डॉ. वेद प्रकाश ने छात्रों के वैश्विक अनुभव के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग छात्रों को सीमाओं से परे सोचने और सांस्कृतिक संवेदनशीलता विकसित करने का अवसर प्रदान करता है।
डीन डॉ. टायरोन डूले ने सार्वजनिक प्रशासन में भारतीय छात्रों के लिए उपलब्ध अवसरों और अमेरिका में अध्ययन करने के लाभों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज की बदलती दुनिया में, प्रशासन और सार्वजनिक नीति अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। इन कोर्सों का अध्ययन करके छात्र वैश्विक चुनौतियों का हिस्सा बन सकते हैं और समाज के विकास में योगदान कर सकते हैं। मास मीडिया और संचार के क्षेत्र में प्रोफेसर एंड्रयू निकोल ने छात्रों को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मास मीडिया आज के समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संचार का अध्ययन करके छात्र समाज के भविष्य को आकार देने में मदद कर सकते हैं।
इस अवसर पर सेंटर फॉर एप्लाइड पॉलिटिक्स के निदेशक डॉ. राजनीश त्यागी ने भारत के विकास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक ‘विकसित भारत’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन से संबंधित सार्वजनिक प्रशासन और नीति के महत्व पर जोर दिया। पूर्व छात्र नेता और राजनेता राहुल चौधरी ने कहा कि विश्व को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अधिक भारतीयों की आवश्यकता है, ताकि वे वैश्विक प्रगति में योगदान कर सकें और दुनिया को एक बेहतर स्थान बना सकें। संस्कृति विश्वविद्यालय की ओर से वैश्विक साझेदारी के प्रमुख प्रो. रतीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय अमेरिका, रूस, ग्रीस, मलेशिया, मालदीव, दुबई और फ्रांस सहित कई देशों के विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे वैश्विक सहयोग के माध्यम से, हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे छात्रों को एक वास्तविक अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा मिले, जिससे वे वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा दोनों विश्वविद्यालयों के बीच संयुक्त कार्यक्रमों, अनुसंधान पहलों और छात्र विनिमय अवसरों के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है। यह दौरा संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्रों को वैश्विक स्तर पर उज्जवल भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पूर्व प्रो. रतीश कुमार, वैश्विक साझेदारी के प्रमुख, डॉ. डी.एस. तोमर, डीन स्टूडेंट वेलफेयर और जनसंपर्क अधिकारी किशन चतुर्वेदी द्वारा प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

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