Wednesday, October 23, 2024
Homeशिक्षा जगतखुद पर विश्वास ही सफलता की महत्वपूर्ण सीढ़ी : नीरज

खुद पर विश्वास ही सफलता की महत्वपूर्ण सीढ़ी : नीरज

  • जीएलए विश्वविद्यालय की प्रयास टीम ने मुरादाबाद के चंदौसी में आयोजित किया ‘सुनो अपने दिल की‘ एवं ‘श्रेयांस सत्कार समारोह‘ कार्यक्रम

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने मुरादाबाद के चंदौसी नगर में ‘सुनो अपने दिल की‘ एवं ‘श्रेयांस सत्कार समारोह‘ कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में विभिन्न इंटर स्कूली छात्रों के करीब एक हजार छात्रों को जीएलए के सीईओ मोटिवेशनल स्पीकर नीरज अग्रवाल ने ढेरों सफलता के मंत्र दिए। इसके बाद जीएलए विश्वविद्यालय के अल्यूमिनाई और उनके अभिभावकों को सम्मानित किया।

मोटिवेशनल स्पीकर नीरज का मानना है कि समय-समय पर आयोजित छात्रों के पेशन को बदलने के लिए विभिन्न सेशनों के माध्यम से जितने छात्रों तक पहुंचा जाय वह उनके लिए कम है। अब तक वह 20 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं से रूबरू हो चुके हैं। आज वह कहते हैं कि इन 20 हजार में से अगर 20 छात्रों ने भी सफलता की सीढ़ी को चूम लिया तो उनका मिशन सफल होगा।

इसी मिशन को सफल बनाने और छात्रों में उमंग पैदा करने के लिए मंगलवार को विश्वविद्यालय की प्रयास टीम द्वारा आयोजित ‘सुनो अपने दिल की‘ कार्यक्रम में सिल्वर स्टोर सीनियर सेकेंड्री स्कूल, केएचएमसी स्कूल, एंग्लो वेदिक कॉन्वेंट स्कूल, भगतजी इंटरनेशनल स्कूल भजोही, जीके सिल्वर स्टोन स्कूल, न्यू सत्यम एकेडमी, एएम वर्ल्ड स्कूल, सिल्व स्टोन स्कूल, ओपजीएम स्कूल चंदौसी, डी पॉल स्कूल बिलारी, एसडीबी स्कूल बिसौली, सरस्वती विद्या मंदिर, एंजल पब्लिक स्कूल, एचएम ग्लोबल स्कूल संभल के करीब एक हजार छात्र-छात्राओं को सफलता के ढेरों मंत्र देते हुए नीरज ने कहा कि हर कोई व्यक्ति किसी न किसी से प्यार करता है। यह अक्सर देखा भी जाता है और सुना भी, लेकिन व्यक्ति ने कभी भी अपने आप से प्यार नहीं किया और न ही अपनी पीठ थपथपायी। छात्रों हमेषा अपने आप से प्यार करना सीखो और कभी अपने आपको भी धन्यवाद दो। एक शेर के माध्यम से अपनी बात रखते हुए कहा कि यकीन करिए उम्मीद खोना, हाथ पांव खोने से कहीं अधिक बुरा है। उम्मीद हमेशां बनाये रखें और उस उम्मीद को पूरा करने को एड़ी चोटी का जोर लगाएं।

छात्र-छात्राओं को अपनी जिम्मेदारियां, अपना भविश्य, अपना रूख खुद तय करना होगा। दुनियां में कोई कार्य ऐसा नहीं जो हम खुद न कर सकें। उन्होंने और शेरो- शायरी के माध्यम से अपनी बात को विराम देते हुए कहा कि हार हो जाती है जब मान लिया जाता है, जीत तब होती जब ठान लिया जाता है।

‘सुनो अपने दिल की‘ कार्यक्रम के तत्पश्चात ‘श्रेयांस सत्कार समारोह‘ आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुरादाबाद मंडल के विभिन्न क्षेत्रों से जीएलए विश्वविद्यालय के अल्यूमिनाई एवं उनके अभिभावकगण उपस्थित हुए। इस अवसर पर जीएलए के सीईओ नीरज अग्रवाल एवं प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने 100 से अधिक अल्यूमिनाई और अभिभावकों को पीत-पट्टिका और सम्मान पत्र एवं उपहार भेंटकर सम्मानित किया। सम्मान पाकर अभिभावकों के चेहरे खिल उठे। जीएलए के छात्र रहे शांतनु मित्तल के पिता अनुराग मित्तल ने कहा कि सम्मान पाकर ऐसा लग रहा है कि हम अपने किसी पारिवारिक कार्यक्रम में आये और यह सम्मान हमें अपने ही किसी ने दिया। उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे को जीएलए से शिक्षा दिलाकर बहुत खुश हैं। जीएलए उत्कृष्ट शिक्षा का बेहतर संस्थान। इसी दौरान विभिन्न स्कूलों के 50 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इसी दौरान अल्यूमिनाई ने अपने अनुभव भी साझा किए। देर शाम स्कूल प्राचार्यों के साथ जीएलए के सीईओ एवं प्रतिकुलपति ने चाय पर चर्चा की।

इस दौरान प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने अल्यूमिनाई और उनके अभिभावकों को विश्वविद्यालय परिवार का हिस्सा बताया। कहा कि छात्र-छात्राओं की सफलता से विश्वविद्यालय का नाम रोशन हो रहा है। यहां छात्र विश्वभर में अच्छी नौकरियों में हैं। उन्होंने बताया कि जीएलए परिवार ने पूर्व से अब तक बहुत इजाफा किया है। अब जीएलए विष्वविद्यालय ने मथुरा के अलावा नोएडा में भी अपना ऑफ कैंपस खोला है। जहां छात्रों को शिक्षा प्रदान करना शुरू हो चुका है। इसके अलावा जीएलए ऑनलाइन कोर्सेज भी संचालित कर रहा है। ऑनलाइन कोर्स में छात्रों की अच्छी खासी संख्या है। यह सब जीएलए परिवार के ही सदस्य हैं।

कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. विवेक मेहरोत्रा एवं तान्या श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डा. अमित अग्रवाल, अमित शंखधर, शशांक, कनक एवं एकता शर्मा का सहयोग सराहनीय रहा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments