- प्रमुख उद्योगपति से मुलाकात के वो पल याद कर भावुक हुए जीएलए के सीईओ
- प्रमुख उद्योगपति के निधन पर जीएलए परिवार ने नम आंखों से जताया शोक
मथुरा : प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा संस के मानद प्रमुख रतन टाटा के निधन पर जीएलए विश्वविद्यालय परिवार ने शोक जताया है।
शोक व्यक्त करते हुए जीएलए के सीईओ नीरज अग्रवाल ने कहा कि रतन टाटा जी एक दूरदर्शी प्रमुख उद्योगपति, दयालु आत्मा और असाधारण इंसान थे। इनके जाने के बाद मैं इतना भाव में आ गया हूं कि अभी चार पांच दिन पहले मुंबई में था। वहां टाटा कंसल्टिंग इंजीनियरिंग में विजिट के दौरान मैंने बडे़ टाटा साहब को देखा, मतलब इन लोगों के लिए नमन और सैल्यूट करने का मन करता है।
रतन टाटा जी के लिए दुनियां आज रो रही होगी। आज भी जिसने टाटा साहब की खबर सुनी होगी, पढ़ी होगी और देखी होगी वह वाकई बहुत परेशान होकर रो रहा होगा।
नीरज ने उनसे मुलाकात के वो भावुक पल के बारे में बताते हुए कहा कि जब रतन टाटा जी मथुरा में नयति हॉस्पीटल के शुभारंभ करने के लिए आए थे तो उस दौरान मैं बाहर था। मुझे ऐसी दयालु सख्शियत से मिलने की इसलिए भी जल्दी थी कि जो मौका मिला है वह कहीं हाथ से न निकल जाए, लेकिन मैं समय पर ही पहुंच गया और उनसे मिला, लेकिन पहली मुलाकात में मेरा मन बिल्कुल भी नहीं भरा। मन में वही बात चल रही थी कि ‘अभी न जाओ छोड़ के कि जी अभी भरा नहीं‘। मैं दोबारा मिला और हाथ मिलाया। उनके हाथ को मैं छोड़ नही रहा था। इस दौरान बस एक बात याद आ रही थी कि ‘इनका प्यार मैं उससे ज्यादा भी नहीं, लेकिन उससे आधा का आधा भी नहीं।
एक बटा अरब वां हिस्सा भी इनकी सोच का और इनकी समझ का मिल जाए तो आनंद हो जाएं। जबकि वह मुझे कुछ नहीं जानते थे, तब भी गुफ्तगु करने की कोशिश की कि इनके साथ बस खड़ा रहूं। क्योंकि उस दौर का उत्सव था मेरे लिए। ऐसे महापुरूष ऐसे दिव्य पुरूष, बहुत कम होते हैं इस सृष्टि पर। उनको जीएलए नमन करता है।