- चार दिवसीय शैक्षिक भ्रमण में जाना उदयपुर और चित्तौड़गढ़ का ऐतिहासिक महत्व
मथुरा। विद्यार्थी जीवन में शैक्षिक भ्रमण का बहुत महत्व है। जिन ऐतिहासिक शहरों और स्थलों की बातें छात्र-छात्राएं पुस्तकों में पढ़ते हैं, यदि उन्हें साक्षात देखने का सुअवसर मिले तो इससे अच्छी एवं सुखद बात दूसरी नहीं हो सकती। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजीव इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा 11 और 12 के छात्र-छात्राओं को ऐतिहासिक उदयपुर और चित्तौड़गढ़ का चार दिवसीय शैक्षिक भ्रमण कराया गया।
अपनी इस शैक्षिक यात्रा में छात्र-छात्राओं ने पहले दिन सिटी पैलेस, जगदीश टेम्पल, प्रताप स्मारक और फतेहसागर झील का भ्रमण किया। दूसरे दिन छात्र-छात्राओं ने हल्दीघाटी, चेतक समाधि एवं महाराणा प्रताप म्यूजियम का दौरा कर वहां के ऐतिहासिक महत्व को जाना और समझा। तीसरे दिन छात्र-छात्राओं ने चित्तौड़गढ़ फोर्ट, विजय स्तम्भ, राणा कुंभा पैलेस, फतेह प्रकाश पैलेस एवं पद्मिनी पैलेस का भ्रमण किया। अपने इस शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने न केवल ऐतिहासिक स्मारक देखे बल्कि उदयपुर-चित्तौड़ क्षेत्र में स्थित विभिन्न भूवैज्ञानिक सरंचनाओं,चट्टानों और खनिजों का सर्वेक्षण एवं अध्ययन भी किया।
इस शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने चौथे दिन मानव विज्ञान सर्वेक्षण संग्रहालय का अवलोकन कर मानव की उत्पत्ति व सभ्यता-संस्कृति के साथ-साथ जीवन शैली को समझने का प्रयास किया। इस शैक्षिक यात्रा में विद्यार्थियों के लिए पहाड़ों और प्रकृति की गोद में बसे टर्बन रूफ होटल में रहने का इंतजाम किया गया था। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने डीजे नाइट एवं शॉपिंग का जमकर लुत्फ उठाया।
शैक्षिक भ्रमण से वापस लौटे छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने झीलों की नगरी की सुन्दरता तथा ऐतिहासिक स्थलों के विषय में जो कुछ भी पुस्तकों में पढ़ा उसका साक्षात अवलोकन करना सबसे सुखद अनुभूति है। अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए छात्रों ने बताया कि यह टूर उनके लिए अविस्मरणीय रहेगा क्योंकि उनके साथ गए शिक्षकों ने उन्हें ऐतिहासिक स्थलों का न केवल भ्रमण कराया बल्कि उसके महत्व से भी अवगत कराया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान देना बहुत आवश्यक है। पूरे सत्र पढ़ते-पढ़ते बच्चों को बोरियत होने लगती है, ऐसे में शैक्षिक भ्रमण से उनमें ताजगी का संचार हो जाता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि जो बातें हम किताबों में पढ़कर नहीं सीख सकते, वे बातें शैक्षिक भ्रमण में आसानी से समझ में आ जाती हैं।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि नई पीढ़ी को ऐतिहासिक स्थलों के महत्व से रूबरू कराया जाना बहुत जरूरी है। श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को किताबी ज्ञान देने के साथ ही उन्हें गौरवमयी संस्कृति की जानकारी देने के लिए ही राजीव इंटरनेशनल स्कूल द्वारा समय समय पर शैक्षिक भ्रमण पर उन्हें ले जाया जाता है। विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने बताया कि राजस्थान का गौरवमयी इतिहास देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। अतः नई पीढ़ी को उसकी जानकारी देने का यह बहुत अच्छा माध्यम है।