रिपोर्ट राघव शर्मा
बरसाना राधा रानी ब्रज यात्रा के संचालक ब्रजके परम विरक्त संत पद्मश्री रमेश बाबा ने यात्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम देख रहे हैं कि ब्रज यात्राएँ ब्रज के वैभव व ब्रज की सांस्कृतिक पहचान की प्रतीक हैं परंतु यात्राओं के रुकने का स्थान न मिल पाने की स्थिति में यात्रा संचालक यात्राओं को बन्द करने को विवश हैं । उन्होंने सरकारी तंत्र से अपेक्षा की है कि इस ओर ध्यान दे ।लगभग सभी जगह सरकारी भूमि उपलब्ध हैं बस ध्यान देने की आवश्यकता है ।
आज यात्रा नंदगाँव से गिडोह ,खिटावटा,का दौना होकर सिर थरा पहुँची ।बठेन में जगह न मिलने के कारण कोकिलावन दाऊजी पांडव गंगा के दर्शन छूट गये ।ग्राम गिड़ोह में यात्रा का भव्य स्वागत हुआ । संकीर्तन की धुन पर ब्रजवासिनें थिरकती हुई दिखाई दीं ।इसी तरह खिटावटे में भी घर घर यात्रियों को रोटी बाँटी गईं ।सिरथरा में भी अच्छा स्वागत हुआ ।
इसके पूर्व रात्रि बेला में नंद गाँव बरसाने के गोस्वामी जनों के मध्य व्यंग विनोद का आनंद नंदमंदिर में सभी ने लिया । अंत में बाबा के द्वारा गाया गया -: माँखन की चोरी बारंबार करे फिरभी तो राधा रानी प्यार करे : ।नंदगाँव बरसाने के प्रेम की अद्भुत छटा देखने को मिली । बाबा ब्रज शरण ,नृसिंह दासजी सुरेश पण्डितजी राधा कान्त शास्त्री ब्रजदास राज कुमार शास्त्री आदि यात्रा में साथ चल रहे थे ।