Wednesday, October 30, 2024
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भारतीय न्याय प्रणाली से रूबरू हुए आरआईएस के विद्यार्थी

  • छात्र-छात्राओं ने मूट कोर्ट के माध्यम से सीखे कानूनी दांव-पेंच

मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल में मूट कोर्ट के माध्यम से छात्र-छात्राओं ने न केवल कानूनी दांव-पेंच सीखे बल्कि एक दिन के लिए जज और वकील की भूमिका का भी निर्वहन किया। छात्र-छात्राओं की इस अदालत में एनिमल वेलफेयर बोर्ड आफ इंडिया वर्सेस यूडीआई, सेम सेक्स मैरिज वर्सेज एलजीबीटीक्यू, कॉमन कॉज वर्सेज यूनियन ऑफ इंडिया, शिल्पा शैलेष वर्सेज वरुण श्रीनिवास, दिल्ली सेंट्रल गवर्नमेंट पॉवर टसल जैसे मुद्दों पर सुनवाई की गई।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा नौ तथा कक्षा 11 के छात्र-छात्राओं ने शनिवार को मूट कोर्ट के माध्यम से भारतीय न्याय प्रणाली को समझा तथा कानूनी जानकारियां भी हासिल कीं। वकील बने विद्यार्थियों ने विभिन्न कानूनी दांव-पेंचों तथा तर्क-वितर्क से साबित किया कि सत्य स्वयं सिद्ध होता है तथा सत्य की ही विजय होती है। छात्र-छात्राओं की अदालती कार्यवाही से पूर्व कार्यक्रम में पधारे निर्णायकों का विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान द्वारा पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत किया गया।
निर्णायक मंडल में उपस्थित मुख्य अतिथि कुंवर राजेंद्र कुमार क्रिमिनल एडवोकेट इन इलाहाबाद हाईकोर्ट, पूनम मीरचंदानी सीए एवं लीगल एडवाइजर इन मल्टीपल कम्पनीज एवं अनीता चावला मथुरा डिस्ट्रिक कोर्ट एवं समाज सेविका ने विद्यार्थियों के तर्क एवं बुद्धिमत्ता के आधार पर सपोर्ट टीम में लावण्या एवं डिफेंस टीम में म्यांशी को विजेता घोषित किया। लावण्या ने सेम सेक्स मैरिज के सपोर्ट में तथा प्रियांशी ने दिल्ली सेंट्रल गवर्नमेंट पॉवर टसल के डिफेंस में केस लड़ा था।
छात्र-छात्राओं की इस अदालती कार्यवाही की प्रशंसा करते हुए मुख्य अतिथि कुंवर राजेंद्र कुमार क्रिमिनल एडवोकेट इन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया कि बदलते दौर में अल्पज्ञान बहुत घातक साबित हो सकता है। थाना हो या कचहरी, अगर जानकारी का अभाव है तो आप चक्कर ही काटते रह जाएंगे। न्याय तो दूर की बात, उसे पाने की सही राह भी चुन पाना कठिन हो जाएगा। उन्होंने राजीव इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन की तारीफ करते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन से ही यदि छात्र-छात्राओं को कानूनी जानकारी दी जाए तो वे कभी भी किसी भी परेशानी में नहीं फंसेंगे।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं की इस अदालती कार्यवाही की प्रशंसा करते हुए कहा कि किसी भी ज्ञान को अर्जित करने के लिए किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी बहुत आवश्यक है। डॉ. अग्रवाल ने राजीव इंटरनेशनल स्कूल द्वारा समय-समय पर आयोजित किए जाने वाले विविध कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम विद्यार्थियों में तर्कशक्ति को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि हम जिस देश के नागरिक हैं उसकी न्याय प्रक्रिया की जानकारी प्रत्येक विद्यार्थी को होनी चाहिए। यदि विद्यार्थियों को नियम-कानून की जानकारी होगी तो वे किसी भी समस्या का आसानी से समाधान निकाल लेंगे। श्री अग्रवाल ने मूट कोर्ट को भारतीय न्याय प्रणाली को समझने का सबसे बेहतरीन तरीका बताया। विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने कहा कि इस कोर्ट प्रक्रिया के कारण विद्यार्थियों के भीतर न्याय के प्रति कटिबद्धता तथा अन्याय के खिलाफ डटकर खड़े होने की भावना विकसित होगी। छात्र-छात्राओं की अदालती कार्यवाही को सफल बनाने में शिक्षक सचिन सोलंकी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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