मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति फेस-5 के तत्वावधान में महिला सशक्तिकरण की प्रतिमूर्ति व धर्म उवीरांगना रानी अहिल्याबाई होलकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर सम्भाषण कौशल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता महारानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित की गई जिसमें 38 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती कीर्ति शर्मा, महिला रही।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती कीर्ति शर्मा समन्वयक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मथुरा ने बताया कि महारानी अहिल्याबाई होलकर एक महान मराठा शासक थीं जिन्होंने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत-भर के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों पर मन्दिर बनवाए तथा अपनी यथाशक्ति सामर्थ्य से सनातन संस्कृति को संरक्षित किया।
विश्वविद्यालय की सीईओ डा मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर ने अपने राज्य में न्याय और व्यवस्था की स्थापना के लिए काम किया और उन्होंने सदैव सर्व समाज के मध्य समरसता के लिए कार्य किया।उन्होंने बताया कि रानी अहिल्याबाई होलकर एक असाधारण शासनकर्ता, न्यायप्रिय लोक कल्याणकारी और पर्यावरण संरक्षिका थी।
डा रजनीश त्यागी ने कहा कि भारत का इतिहास सदैव वीरांगनाओं के यश व गौरव गाथाओं से भरा पड़ा हुआ। भारत वर्ष 2047 तक एक ‘विकसित’ राष्ट्र बनने की महत्त्वाकांक्षा रखता है जिसे शिव एवं शक्ति के आध्यात्मिक शक्ति स्वरूप में प्राप्त किया जा सकेगा।इस चुनौती को पार करने में सामाजिक सशक्तिकरण के साथ महिलाओं का सशक्तीकरण मुख्य रूप से केंद्रीय भूमिका में रहेगा।
निर्णायक मंडल में मुख्य रूप से डा रजनीश त्यागी, श्री रतीश शर्मा, श्रीमती ऋतु भार्गव एवं श्रीमती मीरा चौधरी रही। कार्यक्रम के पूर्व में संस्कृति विश्वविद्यालय के डीन छात्र कल्याण डा डी एस तोमर ने विषय प्रवर्तन के साथ स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी डा. रीना रानी व अपूर्वा गौतम ने किया। प्रतियोगिता में कु. खूश्बू ने प्रथम, कु आशु , कु भूमिका चौधरी,बी एस सी ने द्वितीय तथा कु पूजा यादव ,कु दीपशिखा , कु श्रीयांशी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा दुर्गेश वाधवा, डा निशा चंदेल, डा जयालक्ष्मी, ज्योति पंत , प्रकति , सुकृति, यश श्रीवास्तव, संजना सोलंकी, शिवम्, पूजा इत्यादि सैकड़ों छात्राओं की उपस्थिति रही। अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गये।
संस्कृति विवि में वीरांगना अहिल्याबाई पर हुई संभाषण कौशल प्रतियोगिता
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