- ग्रेटर नोएडा में आयोजित भारत शिक्षा एक्सपो कार्यक्रम में बोले जीएलए के नीरज
ग्रेटर नोएडा : सफलता हर किसी की चाहत होती है, लेकिन इसे पाना आसान नहीं होता। जिंदगी में चुनौतियां आती हैं, संघर्ष होता है, लेकिन जो भी हार नहीं मानते वही सफलता की सीढ़ी चढ़ते हैं। विद्यार्थियों में सफलता के जुनून भरने के लिए जीएलए विश्वविद्यालय के सीईओ एवं मोटीवेशनल स्पीकर नीरज अग्रवाल ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपोमार्ट में तीन दिवसीय ‘भारत शिक्षा एक्सपो 2024‘ कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर पहुंचे। यहां दूर-दराज के संस्थानों और जीएलए विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा ऑफ कैंपस के विद्यार्थियों को सफलता के मंत्र दिए।
सबसे पहले तो उन्होंने सरकार की इस प्राथमिकता को धन्यवाद देते हुए कहा कि एक मंच ऐसा तैयार किया है जहां देश के कोने-कोने से विद्यार्थी आकर जुटे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार की प्राथमिकता में है कि ‘भारत शिक्षा एक्सपो 2024‘ कार्यक्रम के माध्यम से कहीं न कहीं विद्यार्थियों में सफलता पाने की एक ललक पैदा होगी। क्योंकि यहां सिर्फ यही दर्शाया जा रहा है कि किस प्रकार हमें आगे बढ़ना है और देश आज के युवाओं से क्या चाहता है।
तत्पश्चात नीरज ने कहा कि जिंदगी एक क्रिकेट ग्राउंड की तरह है, जहां हमेशां आपको बैंटिंग करनी है, चाहे विकेट कीपर हो या न हो। इसलिए फोकस सिर्फ अपने लक्ष्य को भेदने पर होना चाहिए। अगर फोकस विकेट कीपर की तरफ होगा तो लक्ष्य भटकने में भी देर नहीं लगती। छात्र जीवन में परसेंटेज से अलग हटकर क्वालिटी के भी अपने अलग मायने हैं। परसेंटेज सिर्फ एक कक्षा से हटाकर दूसरी कक्षा की तरफ ले जा सकती है, लेकिन अगर क्वालिटी यानि बेहतर परफार्मेंस अगर आपके अंदर है, तो प्रत्येक ड्रीम जॉब आपके कदम चूमेगी। इसके अलावा और कई बेहतर विकल्प मिलेंगे जो, छात्र जीवन को ऊंचाईयों की ओर ले जायेंगे।
उन्होंने कहा कि आजकल अक्सर देखा जाता है कि युवा अपने कमरे में उगते हुए सूरज और दौड़ते हुए घोडे़ की छवि लगा लेते हैं। इस छवि लगाने से ये तो साबित नहीं होता कि आप सूरज से पहले उगते हो और घोड़े से तेज दौड़ते हो। उन्होंने कहा कि आज का समय एक दूसरे से मुकाबले यानि कॉम्पटीशन का है। इसलिए जरूरत है सूरज से पहले उगो और घोड़े से तेज दौड़ो। इसके अलावा मोटीवेशनल स्पीकर कई शेरों-शायरी के माध्यम से छात्र-छात्राओं को मोटीवेट किया। अंत में नीरज अग्रवाल ने कहा कि अगर आज का युवा अपना 25 प्रतिशत भी पूर्ण लगन से किसी कार्य को देता है तो समझना आगे के जो प्रतिशत होंगे उन्हें पाने में भी और आसानी होगी। इसलिए दूसरे के रिकॉर्ड को देखने से अच्छा है कि रिकॉर्ड नए बनाये जायें। प्रयास टीम से डा. अमित अग्रवाल, नितिन गौर, फैजुल हसन, लवकुश सागर, सोहनलाल आदि उपस्थित रहे।