- चिकित्सकों ने बच्चों को बताया दांतों की साफ-सफाई का सही तरीका
मथुरा। आत्मविश्वास से भरी मुस्कान हर किसी को अच्छी लगती है। अच्छी मुस्कान से जहां सौंदर्यबोध में इजाफा होता है वहीं इसके शारीरिक और मनोवैज्ञानिक लाभ भी हैं। बच्चों अच्छी मुस्कान सिर्फ मोती जैसे चमकते दांतों से ही सम्भव है लिहाजा हमें प्रतिदिन सुबह-शाम दांतों की साफ-सफाई जरूर करनी चाहिए। यदि हमारे दांत साफ और स्वस्थ हैं तो हम कई बीमारियों से स्वतः ही बच जाएंगे। यह बातें डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के पेडोडोंटिक्स विभाग द्वारा आयोजित सबसे अच्छी मुस्कान प्रतियोगिता के शुभारम्भ अवसर पर मथुरा शहर के जरूरतमंद बच्चों को बताईं।
शहर के जरूरतमंद बच्चों तथा महाविद्यालय के बीडीएस छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए डॉ. लाहौरी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति बिल्कुल परफेक्ट मुस्कान के साथ पैदा नहीं होता। यदि दांतों की नियमित साफ-सफाई न की जाए तो उनमें दाग-धब्बे बन जाते हैं। यदि हमें अपने दांतों को सफेद मोती की तरह चमकते हुए देखना है तो नियमित रूप से दांतों की सही तरीके से साफ-सफाई करनी चाहिए। डॉ. लाहौरी ने बच्चों को मुंह एवं दांतों की सफाई की सही विधि भी बताई।
विभागाध्यक्ष पेडोडोंटिक्स डॉ. सोनल गुप्ता ने कहा कि सबसे अच्छी मुस्कान प्रतिस्पर्धा का उद्देश्य छोटे बच्चों को दांतों की साफ-सफाई के प्रति जागरूक करना है ताकि वे कई अनचाही बीमारियों से बच सकें। प्रतिस्पर्धा की संयोजक डॉ. सोनल गुप्ता ने कहा कि जब आपकी मुस्कान में आपके मसूड़ों के ऊतक बहुत ज्यादा दिखाई देते हैं तो इससे आपका समग्र चेहरा खराब दिखता है। कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री आपकी मुस्कान में दिखने वाली खामियों को ठीक करके आपकी प्राकृतिक सुन्दरता को तो निखार सकती है लेकिन हमारी कोशिश हमेशा अपने दांतों की सही देखभाल करने की होनी चाहिए। दांतों की सही देखभाल और साफ-सफाई हमारे स्वस्थ रहने का अचूक मंत्र है।
सबसे अच्छी मुस्कान प्रतिस्पर्धा के दौरान जरूरतमंद बच्चों को दांतों की सफाई के प्रति जागरूक करने के साथ ही उन्हें मुफ्त टूथ पेस्ट और टूथ ब्रश प्रदान किए गए। इतना ही नहीं विजेता बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के बीडीएस छात्र-छात्राओं के बीच पेडोडोंटिक्स विषय की क्विज, ओरल स्वास्थ्य को दर्शाती चित्रकला तथा सबसे अच्छी मुस्कान प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
अंत में मुख्य अतिथि और निर्णायक डॉ. मनेष लाहौरी ने सभी प्रतिभागियों और विजेताओं को पुरस्कृत करके उनका हौसला बढ़ाया। डॉ. लाहौरी ने पेडोडोंटिक्स विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्र-छात्राओं को दंत चिकित्सा की गूढ़तम बातों को समझने में काफी मददगार होते हैं। अंत में डॉ. सोनल गुप्ता ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग के लिए प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया, डॉ. राजीव, डॉ. सुषमा, डॉ. ज्योति आदि का आभार माना।