रिपोर्ट – राघव शर्मा
बरसाना राधा रानी ब्रज यात्रा ने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के साक्षी आदि बद्री के दिव्य पर्वत (नर पर्वत,नारायण पर्वत,मैनाक ,पर्वत,द्रोणाचल पर्वत कंनकाचल पर्वत, त्रिकूट पर्वत ,विंध्याचल पर्वत ,गंध मादन पर्वत, धवल गिरि,)तथा बदरी वन ,तपो वन ,मालती वन ,गंगोत्री यमुनोत्री योग माया मंदिर हर की पौढी हरिद्वार गज ग्राह शिला देव सरोवर आदि लीला स्थलों का दर्शन सभी यात्रियों ने किया ।यहाँ की दिव्य छटा ने सब को मंत्र मुग्ध कर दिया ।सभी यात्री बहुत ही प्रसन्न नज़र आ रहे थे।उन्हें लग रहा था मनों वे उत्तराखण्ड में विचरण कर रहे हों ।पर्वतों की चोटी पर बैठ कर सभी पर्वतों को मान मंदिर के ब्रज दास ने यात्रियों को दिखाया ।इस अवसर पर राधा कान्त शास्त्री ने बताया कि जिन लीला स्थलों के दर्शन आप कर रहे है यह ब्रज के विरक्त संत पद्म श्री रमेश बाबा की जीवन भर की तपस्या का फल है ।पर्वतों के सर्वनाश में लगे सैकड़ों खनन माफियाओं को बाबा ने लंबी लड़ाई के पश्चात यहाँ से भगा दिया था तब कही इनका दर्शन कर पारहे हैं ।उन्होंने कहा कि बाबा की यात्रा पर्यावरण रक्षण में अग्रणी है ।यात्रा के माध्यम से बहुत से आंदोलन किए गए हैं । पर्वतों की रक्षा में कभी कोई दिक्कत आएगी तो सभी यात्री कभी भी किसी भी बड़े आंदोलन में कूद सकते हैं । कल यात्रा पासोपा विलोंद होते हुए केदार नाथ जाएगी ।