- कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाडलेय ठाकुर के साथ सप्तकोसीय परिक्रमा लगाते ब्रजवासी।
रिपोर्ट राघव शर्मा
बरसानाअष्ट सखियों के गांव के ब्रजवासियों ने हर साल की तरह ब्रजोद्धारक ब्रजाचार्य श्रील् नारायण भट्ट जी के लाडलेय् ठाकुर के साथ गुरुवार को राधारानी के अष्ट सखी गांवों की दो दिवसीय सप्तकोसीय परिक्रमा दी। इस दौरान बृजवासियों ने अष्ट सखी गांवों के लीला स्थलों के दर्शन किए।
गुरुवार को दो दिवसीय सप्तकोसीय परिक्रमा का शुभारंभ प्रियाकुण्ड से प्रातः सात बजे श्रील नारायण भट्ट के वंशज ब्रजाचार्य पीठ के प्रवक्ता घनश्यामराज भट्ट व ललितापीठाधीश्वर गोस्वामी कृष्णानन्द भट्ट के अगुवाई में लाडले ठाकुर के साथ भजन कीर्तन के साथ हुआ। अष्टसखी गांवों की ब्रज परिक्रमा प्रिया कुंड से प्रारंभ होकर गुलाब सखी की समाधी स्थल, गोपाल जी मंदिर गाजीपुर, प्रेम सरोवर, प्रेम बिहारी मंदिर, सुदामा कुटी, राम मंदिर, संकेत गांव में स्थित महाप्रभु की बैठक, कत्यानी मंदिर, संकेत बिहारी मंदिर, ठाकुर राधारमण जी मंदिर,
ब्रजेश्वर महादेव, रावल वन, पाडर वन, ब्रह्मचारी बगीचा, डभाला कात्यानी शक्ति पीठ, राधा रानी संखियों संग खेलन लीला स्थली नौवारी चौवारी, (गिर्राज जी के अनुज) गिर्राज गेंदुआ, मुरली के दर्शन करते हुए, रतन कुंड, छोटी कदम खंडी से दर्शन करते हुए, फिसलनी शिला, पुष्कर कूप, छप्पन कटोरा, ऊंचागांव श्रील् नारायण भट्ट जी की समाधि, त्रिवेणी कूप एवं देह कुंड का आचमन करते हुए श्री प्रिया जी की प्रधान सखी ललिता जी के दर्शन करते हुए दाऊजी मंदिर में दर्शन के पश्चात भोग प्रसाद ग्रहण कर विश्राम और उसके बाद प्रवचन का आनद लिया। उसके बाद यात्रा माता मैया दर्शन, सुलौखर, प्रिया कुंड, श्री प्रियेश्वर महादेव एवं हनुमान जी के दर्शन कर, गुलाब सखी, गोपाल जी मंदिर परिक्रमा, प्रेम सरोवर, राधा गोविंद जी, श्री प्रेम बिहारी दर्शन, श्री सुदामा कुटी, अहरी राम दरबार दर्शन करते हुए राणा की प्याऊ स्थित श्री हनुमान जी दर्शन, (रंगीली महल) कीर्ति मंदिर में कीरत माता के दर्शन करते हुए राधारानी मंदिर गेट पर बरसाना सप्तकोषीय परिक्रमा का विसर्जन हुआ। यात्रा में प्रमुख रूप से पीठाधीश्वर गोस्वामी उपेंद्र नारायण भट्ट, पीठ के प्रवक्ता गोस्वामी घनश्याम राज भट्ट, यात्रा के व्यवस्थापक समाजसेवी क्रांतिकारी पदम् फौजी, गोविंद मुनीम, रोहित भट्ट, गोस्वामी ठाकुर प्रसाद, अरुण भट्ट, सर्वेश भट्ट, गोस्वामी दिनेश नारायण भट्ट, मितुल भट्ट सहित हजारों की संख्या में ब्रजवासी शामिल थे।