Saturday, November 23, 2024
Homeडिवाइन (आध्यात्म की ओर)जीवन जीने की कला सिखाती है भागवत : सुतीक्ष्ण दास

जीवन जीने की कला सिखाती है भागवत : सुतीक्ष्ण दास

  • ठाकुर सनातन बिहारी के पाटोत्सव का विद्वत संगोष्ठी के साथ हुआ समापन

वृंदावन। ठाकुर सनातन बिहारी जी के पाटोत्सव का आज कार्तिक पूर्णिमा पर हवन यज्ञ, भंडारे एवं विद्वत गोष्ठी के साथ समापन हो गया। नाभा पीठाधीश्वर सुतीक्षण दास देवाचार्य महाराज ने कहा कि सनातन संस्कार धाम में अनेकों वर्ष से धार्मिक अनुष्ठान एवं सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए गतिविधियां चलती रहती हैं। सनातन बिहारी जी के पावन प्रांगण में जिस प्रकार से संतों एवं ब्राह्मणों समेत अभ्यागत तथा समाज के निम्न वर्ग के व्यक्ति का भी सम्मान किया जाता है। यह सराहना योग्य है। जगतगुरु बलराम दास देवाचार्य महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत व्यक्ति को भागवत तत्व के साथ जीवन जीने की कला सिखाती है समता और एकता का दिव्य संदेश भागवत के माध्यम से भागवत भूषण आचार्य रामविलास चतुर्वेदी प्रदान कर रहे हैं।
महामंडलेश्वर भास्करानंद महाराज ने कहा कि भागवत को सदैव श्रवण करना चाहिए जैसे शरीर की पुष्टि भोजन से होती है ऐसे ही मन की शुद्धता और संतुष्टि भगवान की कथा से होती है। आचार्य कौशिक महाराज ने कहा कि भागवत के माध्यम से सनातन संस्कार धाम सभी संतो को आहुत करके उनका हमेशा सेवा करके अग्रणी स्थान प्राप्त करता है आचार्य बद्रीश महाराज एवं चतुर नारायण महाराज ने कहा कि सनातन बिहारी जी का यह दिव्य प्रांगण सनातन धर्म को आगे बढ़ाने में सदैव अग्रणी रहा है एवं माया की निवृत्ति हेतु मनुष्य को सदैव आगे बढ़कर अपने कल्याणार्थ काम करना चाहिए।
भागवत भूषण आचार्य राम विलास चतुर्वेदी ने कहा कि जिस प्रकार से आज वृंदावन में प्रदूषण बढ़ता चला जा रहा है यह चिंता का विषय है यमुना की शुद्धि, परिक्रमा की स्वच्छता एवं वृक्षारोपण करने की विशेष आवश्यकता है।
इस अवसर पर मनु श्री जी महाराज, बलराम आचार्य, बिहारी लाल वशिष्ठ, शंकर लाल गोयल, गिरधारी लाल खेतान, जितेंद्र सिंह राणा, आशीष अग्रवाल, श्याम सुंदर मुथरेजा, जितेंद्र शास्त्री, गुलशन चतुर्वेदी, बृजेश चतुर्वेदी, सिद्धार्थ त्रिपाठी, पवन शास्त्री, संदीप शास्त्री, रामकृपाल त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments