मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ नर्सिंग में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में वक्ताओं ने कार्यस्थल पर अच्छे मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता और उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए इस ओर प्राथमिकता से ध्यान देने के लिए प्रेरित किया।
संगोष्ठी का प्रारंभ परंपरागत तरीके से दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। संगोष्ठी में स्कूल आफ नर्सिंग के विभागाध्यक्ष प्रो. ब्लेसी ने कहा कि अक्सर देखा गया कि लोग मानसिक स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता नहीं बरतते। अपनी खीज, झल्लाहट और चिड़चिढेपन को सामान्य रूप से ले लेते हैं और इस कारण उनकी असली वजह सामने नहीं आ पाती। इसका बहुत बड़ा कारण मानसिक रूप से अस्वस्थ होना भी है। हमारी मानसिक नकारात्मकता हमें अच्छा काम करने से रोक देती है और कार्यस्थल पर अक्षमता के रूप में सामने आती है। इस पर हम सबको ध्यान देना होगा और समझना होगा। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाना ही इस संगोष्ठी का परम उद्देश्य है। जब हम जागरूक होंगे तो हम अपनी मानसिक स्थितियों को समझ सकेंगे और स्वस्थ हो सकेंगे।
संस्कृति स्कूल आफ नर्सिंग के प्राचार्य डा. केके पाराशर ने कहा कि हमको अपना मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रखना होगा। अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही हम कार्यस्थल पर अपना शत-प्रतिशत दे सकते हैं। अगर हम मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं होते हैं तो हमारा न तो काम में मन लगता है और न ही हम अपने काम को अच्छी तरह से कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हम अपनी मानसिक दशा को अच्छी तरह से ध्यान नहीं देंगे तब तक हम अपने बिग़ड़े मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जान नहीं सकेंगे।
संगोष्ठी में छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार रखे और मानसिक स्वास्थ्य को तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए सभी को जागरूक किया। अंत में मेडिकल एवं सर्जिकल विभाग के प्रो. विनीत रावत ने धन्यवाद प्रस्तुत करते हुए आशा व्यक्त की कि संगोष्ठी अपने उद्देश्यों पर पूरी तरह से सफल साबित होगी। संगोष्ठी में विवि के अनेक शिक्षकगण और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
संस्कृति विवि में हुई संगोष्ठी में अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को बताया
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