- रबी की फसल की रखवाली के लिए उबड़ खाबड़ रास्ते से दौड़ रहे किसान, अधिशासी अभियंता ने किसानों को पकड़ाया लॉलीपॉप, किसान परेशान
- किसान बोले रात्रि 10 से 2 बजे के बीच आवारा पशु एवं नीलगाय की कर रहे रखवाली, उबड़ खाबड़ रास्ते से जाना हुआ दुश्वार, एक छोटा और अस्थाई की पुल की है आवश्यकता
बलदेव खडैरा मौजा के इन किसानों की सिंचाई विभाग का कोई अधिकारी सुनने वाला नहीं है। एक छोटे और अस्थाई पुल की मांग करने पर अधिशासी अभियंता ने सिर्फ बैक साइड की पटरी को हल्के तरीके से साफ करा दिया है। साफ तौर पर पटरी जाहिर कर रही है कि वह उबड़ खाबड़ है। रजवाहा में पानी आने के दौरान रात्रि में इस पर चलना खतरनाक है।
किसान गोपाल बौहरे कहते हैं कि अधिशासी अभियंता से एक छोटे और अस्थाई पुल की मांग की थी, लेकिन उन्होंने किसानों को ही नियमों का हवाला देकर और बैक साइड की पटरी हल्के-फुल्के तरीके से साफ कराकर किसानां को लॉलीपॉप पकड़ा दिया है। हम किसान वाकई परेशान हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। जब सिंचाई विभाग के अधिकारी ही नहीं सुन रहे हैं तो आखिर किस तरफ जायें और कहां जायें।
किसान सत्यदेव ने कहा कि अगर अधिशासी अभियंता कोई कोई आर्थिक मदद चाहिए तो भी किसान देने के लिए तैयार हैं। विद्युत के चार सीमेंट खंबे भी रखवा दिए जायें तो भी आसानी से किसान रजवाहा को पार कर अपने खेतों की रबी की फसल की रखवाली आवारा पशुओं से कर सकेंगे। उबड़-खाबड़ पटरी पर चलना आसान नहीं है।
उन्होंने कहा कि दिसंबर और जनवरी माह में जब भीषण सर्दी पड़ती है तो सिर्फ अन्नदाता ही खेतों पर होता है, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों ये दिखाई नहीं दे रहा है। किसानों का कहना है कि विद्युत के चार खंभों की व्यवस्था भी किसानों ने की है, लेकिन एक अस्थाई पुल की व्यवस्था में अव्यवस्था बनकर बैठे सिंचाई विभाग के अधिकारी नियमों का हवाला देकर किसानों को अनदेखा कर रहे हैं।
समाजसेवी व भाजपा नेता ब्रजेश ने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों को किसानों की समस्या पर ध्यान देना चाहिए। ये अन्नदाता है, रात्रिभर और भीषण गर्मी और सर्दी में अपने खेतों पर फसलों की रखवाली करते हैं। इनके लिए ही रास्ता नहीं होगा तो किसके लिए होगा।