Thursday, December 19, 2024
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देशद्रोहियों से निपटने का पेटेंट उपाय

विजय गुप्ता की कलम से

     मथुरा। आज चारों ओर देशद्रोहियों ने तांडव मचा रखा है। पूरे देश में जहां देखो ये गद्दार कोई भी मौका नहीं छोड़ते अराजकता फैलाने का। मेरे दिमाग में एक बहुत अच्छा आयडिया है, जिससे इन नमक हरामों की नाक में नकेल डाली जा सकती है।
     हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एक अदम्य साहसी व्यक्ति हैं, उन्होंने कश्मीर से धारा 356 हटाने जैसा अजब गजब का काम कर दिया जिसकी स्वप्न में भी कल्पना नहीं की जा सकती थी तथा चीन जैसे ताकतवर और खूंखार देश से डटकर मुकाबला किया और उसे दवा कर ही माने। उनसे उम्मीद की जा सकती है कि वे इस पेटेंट उपाय को लागू कर सकते हैं।
     उपाय यह है कि पूरे देश में एक नियम बना दिया जाय कि प्रत्येक देशवासी स्टांप पेपर पर लिखित में एक वचन दे कि “मैं भारत का वफादार नागरिक हूं। इस देश के प्रति हमेशा वफादारी रखूंगा। कभी भी ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे समाज में अराजकता फैले। यदि मैं ऐसा कोई गलत कार्य करूं तो मुझे कड़ी से कड़ी सजा दी जाय। जय हिंद, जय भारत।
     मेरा कहने का मतलब है कि कुछ इस प्रकार की भाषा को ठीक से बनाकर सभी देशवासियों के लिए आवश्यक कर दिया जाय। वे चाहे हिंदू हों, मुसलमान हों, सिख हों, ईसाई हों या बौद्ध हों कोई भी जात कोई भी धर्म हो। जो लोग इस वचन से कन्नी काटें उन्हें मताधिकार से वंचित कर दिया जाय।
     इसके अलावा जो लोग शपथ पत्र देने के बावजूद आगजनी तोड़फोड़ व लूटपाट आदि हिंसक कार्यों में संलग्न पाऐ जांय उन्हें सीसीटीवी कैमरों ड्रोन आदि से चिन्हित करके न सिर्फ मतदान के अधिकार से वंचित किया जाय बल्कि देशद्रोह वाली कड़ी धाराऐं लगाकर जेल भेजा जाय। यदि ऐसा हो जाता है तो इन गद्दारों की अकल ठिकाने आ जाएगी हां विरोधी दल हाय तौबा जरूर मचाएंगे। वे तो हर किसी बात के लिए रोते पीटते ही रहते हैं।
     एक बात और जो मेरे मन में है, को भी सुझाव के रूप में कहना चाहता हूं कि जैसे आगजनी, तोड़फोड़, हत्या, लूटपाट आदि उपद्रव करने वालों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले और पानीं की बौछार की जाती है। मेरे विचार से सादा पानीं के बजाय नाले नालियों व सीवर लाइन आदि के दूषित पानीं की बौछार करनी चाहिए। इंसानों और गंदे जानवरों के मल मूत्र युक्त बदबूदार पानीं की बौछार के दो-चार कार्यक्रम होते ही ये लोग सतर्क हो जाएंगे तथा दूषित पानीं वाली गाड़ी को दूर से देखकर सर पर पैर रखकर भागेंगे।
      यदि सरकार को सरसरी तौर पर मेरे सुझाव उचित लगें तो इस मुद्दे पर गंभीरता पूर्वक विचार कर अमल में लाऐ वर्ना जय राम जी की।   

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