विख्यात कथा वाचिका ब्रज रत्न वंदनाश्री जी ने मधुर वाणी में पहले वामन अवतार की कथा का वर्णन किया उसके बाद सूर्यवंश के राजाओं की कथा का वर्णन करते हुए भगवान श्रीराम के चरित्र की महानता बतलाते हुए कहा कि प्रभु श्री राम का चरित्र मानव मात्र को जीवन में धारण करना चाहिए उनका चरित्र अनुकरणीय है ।
कथा के क्रम में भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बारे में उन्होंने बताया इस संसार में जब-जब दुष्टों के अत्याचार बढ़ते हैं तब तब प्रभु अपने भक्तों गौ ओर ब्राह्मण संतों की रक्षा के लिए पृथ्वी पर अवतार धारण करते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण कंस के कारागार में जन्म लेकर गोकुल के लिए प्रस्थान करते हैं और जैसे ही भगवान के जन्मोत्सव का वर्णन शुरू किया संपूर्ण पंडाल यशोदा जायो ललना में वेदन में सुनी आई ज्यो जसोदा की में लल्ला मोहल्ला में हल्ला सो मची गायों के मधुर शब्दों से गूंज उठा।
गोपी स्वरूप धारण किए नंद बाबा व यशोदा जी को बधाई देते हैं लीला कलाकारों ने अद्भुत नृत्य से पंडाल को रसमय कर दिया l कथा वाचिका वंदनाश्री जी के गायन के अनुसार अपनी रसमय लीला कथा का प्रदर्शन कर रहे करीब 40 – 50 कलाकारो ने अपनी प्रस्तुति दी।
ठाकुर श्री बांके बिहारी जी के अंग सेवी डॉ. श्री ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी ( छोटू भैया ) अंतर्राष्ट्रीय कथा प्रवक्ता मनीष कृष्ण जी ने कथा पंडाल में पधारकर श्रीमद् भागवत जी का पूजन किया अपने वक्तव्य से आशीर्वचन दिया ।
कला साधक पंडित दीपक शर्मा ने सभी कलाकारों की मधुर लीला का निर्देशन किया कथा के समापन पर सभी को आरती के साथ प्रसाद वितरण किया गया।
वरिष्ठ पत्रकार किशन चतुर्वेदी ने संपूर्ण कलाकार मंडल परिकर का पटका ओढ़ाकर स्वागत किया ।