मथुरा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ता और नए आयाम स्थापित करता संस्कृति विश्वविद्यालय नए वर्ष से पाठ्यक्रमों और संसाधनों के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन के साथ नए कीर्तमान बनाने की ओर अग्रसर है। विद्यार्थियों को विश्वस्तरी कौशल और उद्यमशीलता को हासिल कराने के उद्देश्य के साथ संस्कृति विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त औद्योगिक घरानों और अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शिक्षण संस्थानों से नए अनुबंध किये हैं।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने बताया कि विश्व की जरूरतों के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन अगले कुछ वर्षों में होने जा रहे हैं। शिक्षा पूरी तरह से कौशलयुक्त होने जा रही है और ये कौशल समय के अनुसार परिवर्तनशील होंगे। यह समय जरूरत के अनुरूप पाठ्यक्रमों में बदलाव का है। संस्कृति विश्वविद्यालय में इन्हीं जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रमों में बदलाव किए जा रहे हैं। ये बदलाव वक्त की जरूरत हैं, अब हमें बदलते विश्व के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली शिक्षा की जरूरत है। संस्कृति विश्वविद्यालय में नए 25 स्टार्टअप शुरू होने जा रहे हैं। विद्यार्थियों को आधुनिकतम शिक्षा देने के लिए स्मार्ट क्लास बनाए जा रहे हैं।
डा. गुप्ता बताते हैं कि संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को आईबीएम और इंफोसिस जैसी विश्वविख्यात कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए और मौके हासिल करने के लिए तैयार करेंगी। उन्होंने कहा कि हमारे विद्यार्थी किसी भी स्तर पर अपने को पिछड़ा हुआ महसूस न करें इसके लिए इनकी शिक्षा भी उसी के अनुरूप दी जाएगी। नए-नए कौशल के लिए उपयोगी प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। हमारा उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा के साथ सामंजस्य बनाकर चलने का है। इसके साथ ही सभी सरकारी परीक्षाओं में सफलता हासिल करने के लिए वेल्यु एडेड कोर्सों की शुरुआत की जा रही है। विद्यार्थियों को अब इन सभी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कहीं और नहीं जाना होगा, ये तैयारी परंपरागत शिक्षा के साथ ही विवि में ही हो जाएगी।
डा. गुप्ता कहते हैं कि मेरा मानना है कि विद्यार्थियों को नौकरी हासिल करने बेहतर है वे नौकरी देने वाला बनने के बारे में सोचें। यही वजह है कि हमने अपने विश्वविद्यालय और देश के बड़े औद्योगिक घरानों के साथ अनुबंध किया है ताकि वे हमारे विद्यार्थी औद्यौगिक इकाईयों का व्यवहारिक ज्ञान हासिल कर सकें। हमारे यहां इंक्युबेशन सेंटर है जो विद्यार्थियों के आइडियाज को मूर्तरूप देने में मदद करता है ताकि वे अपना स्टार्टअप शुरू कर सकें। स्टार्टअप के लिए हमने विद्यार्थियों और सामान्यजन के लिए भी सारी सुविधाएं जुटाई हैं। डा. गुप्ता ने बताया कि एआई(आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी) तेजी से अपने कदम जमा रही है। इसको देखते हुए हमने अपने यहां एआई आधारित पाठ्यक्रम तैयार किए हैं और तैयार कराए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर सबकुछ एक साथ कहें तो कह सकतें हैं कि संस्कृति विश्वविद्यालय कौशल, उद्यमशीलतायुक्त और रोजगारपरक शिक्षा को सम्मिलत रूप से लेकर चलेगा और बहुत जल्द ही विश्वस्तर पर अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब होगा।
नए वर्ष से नए आयाम स्थापित करेगा संस्कृति विश्वविद्यालय
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