Thursday, January 9, 2025
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संघर्ष जितना कठिन होगा सफलता उतनी ही शानदार होगीः प्रो. नित्या

  • राजीव एकेडमी के एमबीए छात्र-छात्राओं को दिखाई सफलता की राह

मथुरा। जीवन में हर इंसान कामयाबी के सपने देखता है, उसके अपने सपने होते हैं लेकिन सफल वही होता है जोकि अपने लक्ष्य पर नजर रखते हुए पूरी तन्मयता से मेहनत करता है। याद रखें, संघर्ष जितना कठिन होगा सफलता उतनी ही शानदार होगी। स्वयं पर विश्वास रखें और ऊंची सोच रखें। सौ बार असफल रहकर भी प्रयास जारी रखें, सफलता जरूर मिलेगी। यह बातें सोमवार को राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में द रोल आफ फेथ इन शेपिंग सक्सेजफुल जरनी विषय पर आयोजित कार्यशाला में रिसोर्स परसन प्रो. नित्या (कैलांग स्कूल आफ मैनेजमेंट यूएसए) ने एमबीए के छात्र-छात्राओं को बताईं।
प्रो. नित्या ने छात्र-छात्राओं से कहा कि जीवन में बहाने बनाना छोड़ो, सफलता और बहाने एक साथ नहीं चल सकते। अंतिम क्षणों तक कोशिश करो, हारो नहीं, जीत जरूर होगी। हर समस्या का समाधान हमारे पास है दूसरे तो सिर्फ सुझाव दे सकते हैं। अच्छे मित्र बनाइए, अपनी नियत अच्छी रखिए। सफल बनने के लिए सामने वाले को ठीक प्रकार से सुनिए। उन्होंने कहा कि एक क्षण की सफलता बरसों की असफलता की कीमत दे देती है, लिहाजा अपनी असफलताओं से भी सीखो।
प्रो. नित्या ने विद्यार्थियों से कहा कि करिअर निर्माण में सकारात्मक विचार और सकारात्मक व्यक्तित्व का बहुत महत्व है। सकारात्मक व्यक्तित्व हमें भारतीय आध्यात्म चिन्तन द्वारा ही प्राप्त हो सकता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि आपको शत-प्रतिशत सफल करिअर बनाना है तो भारतीय मनीषियों और भगवान श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व के गुणों को अंगीकार करना होगा। उन्होंने कहा कि सफलता को हासिल करने के लिए पूरी लगन और मेहनत की आवश्यकता होती है।
रिसोर्स परसन ने कहा कि आज प्रत्येक विद्यार्थी सफलता प्राप्त करना चाहता है। चाहे कॉलेज हो या स्कूल या जीवन का कोई अन्य क्षेत्र व्यक्ति सबसे पहले सफलता चाहता है, जो सहज हाथ नहीं आने वाली। प्रो. नित्या ने कहा कि जीवन में सफलता का रास्ता बहुत कठिन है, लेकिन असम्भव कतई नहीं। प्रतिस्पर्धा की बात करें तो ये पहले भी थी, आज भी है, आगे भी रहेगी। बिना प्रतिस्पर्धा के जीवन नीरस लगता है। हालांकि हम अपने महापुरुषों राम-कृष्ण, गांधी, सुभाष समेत सभी ऋषि-मुनियों के जीव को देखें तो उन्हें भी नकारात्मक विचार और नकारात्मक शक्तियों से मुकाबला करना पड़ा। वही चीजें आज भी हैं जिनका मुकाबला हम आध्यात्मिक चिन्तन और व्यक्तित्व को सकारात्मकता की ओर मोड़कर कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जीवन में थोड़ी सी नकारात्मकता आते ही हम रास्ता भटक जाते हैं और हम हिम्मत हार जाते हैं। सफलता की कुंजी आपको आध्यात्मिक व्यक्तित्वों और महापुरूषों के जीवन का आद्योपांत अध्ययन करके प्राप्त होगी। महापुरुषों के अनमोल विचारों तथा जीवन दर्शन में बहुत कुछ होता है बशर्ते हम उसे अंगीकार करें। जीवन में अच्छे-बुरे दोनों प्रकार के अनुभव याद रखें, सफलता तुम्हारा परिचय दुनिया से कराएगी और असफलता तुम्हें दुनिया का परिचय कराएगी। रिसोर्स परसन ने छात्र-छात्राओं को श्रीमद्भगवद्गीता के उद्धरणों से सफलता की गूढ़ बातें समझाईं। कार्यशाला में एमबीए विभाग के डॉ. अखिलेश गौर, योगेश तिवारी, पवन कुमार अग्रवाल, संध्या सिंह, वर्षा शर्मा, भरत गौतम एवं हरजीत आदि उपस्थित रहे। डॉ. विकास जैन ने पौधा भेंटकर रिसोर्स परसन का जहां स्वागत किया वहीं निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने प्रो. नित्या का आभार माना।

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