Friday, January 10, 2025
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अध्यात्म ज्ञान प्राप्त किए बिना सुखी नहीं रह सकता मनुष्य : माधवी देवी दासी

  • स्कूली बच्चों के लिए गीता शोध संस्थान और गिव संस्थान का ‘गीता का ज्ञान-सफलता’ की पहचान कार्यक्रम
  • संदीपनी मुनि स्कूल में गीता विद्वानों ने बच्चों के समक्ष दिया प्रेरक व्याख्यान

वृंदावन। गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी और गौरांग इंस्टीट्यूट फॉर वैदिक एजुकेशन (गिव) के संयुक्त तत्वावधान में गीता प्रसार-प्रचार योजना के अंतर्गत चैतन्य विहार बुर्जा रोड स्थित संदीपनी मुनि स्कूल में “गीता का ज्ञान-सफलता की पहचान” कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में गौरांग इंस्टीट्यूट फॉर वैदिक एजुकेशन (गिव) के संस्थापक अध्यक्ष एवं शिक्षा गुरु डॉ वृंदावन चंद्र दास प्रभु की कृपापात्रा माधवी देवी दासी ने श्रीमद्भगवद गीता पर अत्यंत प्रेरक एवं प्रभावशाली व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि अध्यात्म ज्ञान प्राप्त किए बिना मनुष्य सुखी नहीं रह सकता। आध्यात्मिक ज्ञान हमें बच्चों को 5 वर्ष की आयु से ही प्रारंभ कर देना चाहिए। जूनियर एवं सीनियर सांदीपनी स्कूल की प्रधानाचार्य रश्मि मिश्रा एवं दीपिका मिश्रा के सहयोग से व्याख्यान के समय बहुत सुंदर व्यवस्था के साथ बालिकाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
लगभग 200 बालिकाओं ने गीता व्याख्यान को सुना एवं माधवी दासी की प्रश्नोत्तरी सभा में सभी ने उत्साह पूर्वक जवाब दिया। गीता शोध संस्थान के निदेशक प्रोफेसर दिनेश खन्ना ने बच्चों को गीता को व्यवहार में लाने को प्रेरित किया।
गीता शोध संस्थान के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा संचालित गीता शोध संस्थान वृंदावन के कार्यकलापों व गीता की प्रचार- प्रसार योजना से अवगत कराया।
उन्होने विद्यालय के समस्त स्टाफ का आभार व्यक्त किया। संस्थान के जगदीश पथसारिया ने व्यवस्थाएं संम्हाली।
इस मौके पर राधाकवि दास प्रभु, माधवी दासी, मनदीप प्रभु का श्री अवतारी कृष्ण दास प्रभु का विशेष सहयोग रहा। विद्यालय परिवार से रश्मि मिश्रा, दीपिका मिश्रा, महिमा, शिवानी, मीनाक्षी, भावना, ममता, कीर्ति, पूजा, रितु, मिथिलेश, रीना, नीलम, पूर्णिमा, सीमा आदि की उपस्थिति रही।

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