Saturday, January 11, 2025
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गाजियाबाद में शतरंज की बिसात पर चमका आरआईएस का छात्र

  • सूर्यांश तोमर ने शतरंज कान्सक्रेशन में हासिल की प्रथम रैंक
  • विजेता ट्रॉफी के साथ जीता 1100 रुपए का कैश प्राइज

मथुरा। गाजियाबाद के डीपीएस धर्म गुरुकुल द्वारा सचखंड नानक धाम में आयोजित शतरंज कान्सक्रेशन प्रतियोगिता में राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र सूर्यांश तोमर ने अपनी कुशाग्रबुद्धि और चपलता का शानदार कौशल दिखाते हुए प्रथम रैंक हासिल कर विजेता ट्रॉफी और 1100 रुपए नगद कैश प्राइज अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता में प्रदेश के डेढ़ सौ से अधिक शतरंज खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं सिर्फ पढ़ाई ही नहीं खेलकूद में भी लगातार अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर रहे हैं। हाल ही में गाजियाबाद में हुई शतरंज कान्सक्रेशन प्रतियोगिता में आरआईएस के कक्षा नौ के छात्र सूर्यांश तोमर ने अपनी चपल चालों का कमाल दिखाते हुए प्रथम रैंक हासिल की। इस प्रतियोगिता में सूर्यांश शुरू से अंत तक शानदार लय में दिखे। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर आयोजकों द्वारा होनहार सूर्यांश तोमर को विजेता ट्रॉफी, 11 सौ रुपये का नगद पारितोषिक तथा प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने सूर्यांश की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए उसे बधाई दी तथा कहा कि शतरंज बच्चों की सोचने की क्षमता और मानसिक विकास में मदद करता है। उन्होंने कहा कि डी. गुकेश ने सबसे कम उम्र में विश्व चैम्पियन बनकर यह जता दिया कि भारत में शतरंज का भविष्य उज्ज्वल है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि उत्साही प्रशंसकों एवं असाधारण खिलाड़ियों की बढ़ती संख्या के चलते ही अब शतरंज भारत में अपार लोकप्रियता के साथ ही वैश्विक खेल मंच पर भी प्रसिद्धि प्राप्त कर रहा है।
आरआईएस के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने सूर्यांश को बधाई देते हुए कहा कि हर खेल की तरह शतरंज में भी शानदार भविष्य है। भारत में यह खेल सदियों से खेला जा रहा है। देश के शतरंज सितारों को हर तरफ से समर्थन मिल रहा है। माता-पिता अपने बच्चों को जहां शतरंज खेलने की छूट दे रहे हैं वहीं स्कूल-कॉलेजों में भी इस खेल को प्राथमिकता मिल रही है। श्री अग्रवाल ने कहा कि भारत ने शतरंज की दुनिया को विश्वनाथन आनंद, डी. गुकेश, कोनेरू हम्पी, हरिका द्रोणावल्ली, आर. प्रज्ञाननंदा, अर्जुन एरिगैसी, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल जैसे खिलाड़ी दिए हैं। सूर्यांश को इन खिलाड़ियों से प्रेरणा लेते हुए खाली समय में शतरंज में हाथ आजमाने चाहिए।
विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने छात्र सूर्यांश को बधाई देते हुए कहा कि शतरंज ऐसा खेल है, जिसे बच्चे-बड़े सभी खेलना पसंद करते हैं। समय के साथ इस गेम की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। इस गेम से व्यक्ति ज्यादा क्रिएटिव बनता है। शतरंज के खेल को माइंड गेम के नाम से भी जाना जाता है। दिमागी कसरत के लिए शतरंज एक शानदार गेम है। शतरंज खेलने से मेमोरी बूस्ट होती है। इसे खेलने से इंसान किसी भी समस्या का समाधान तेजी से ढूंढ़ना सीख जाता है। यह खेल छात्र-छात्राओं के आईक्यू को बेहतर बनाता है।

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