Monday, January 27, 2025
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भक्तिभाव के बीच मना के.डी. मेडिकल कॉलेज का स्थापना दिवस

  • वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रीअखिलेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक
  • कन्या भोज के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने ग्रहण की प्रसादी

मथुरा। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रीअखिलेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक और हवन-पूजन कर के.डी. मेडिकल कॉलेज का दसवां स्थापना दिवस मनाया गया। आचार्य एवं पंडितों द्वारा कराए गए पूजा-पाठ के बाद आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, श्रीमती विनय अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल ने कन्याओं को भोजन कराया। कन्या भोज के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।
शुक्रवार को सुबह से ही के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर परिसर में भक्तिभाव का माहौल रहा। ज्ञातव्य है कि के.डी. मेडिकल कॉलेज के स्थापना दिवस पर साल 2016 में कॉलेज परिसर में स्थित श्रीअखिलेश्वर महादेव मंदिर में विभिन्न देवी-देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा हुई थी। इसी उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष कॉलेज के स्थापना दिवस पर पूजा-पाठ के बाद भण्डारे का आयोजन किया जाता है। शुक्रवार को श्रीअखिलेश्वर महादेव मंदिर की भव्य सजावट की गई, उसके बाद आचार्य करपात्री द्विवेदी, पंडित देवनाथ द्विवेदी, पंडित विकास मिश्रा, पंडित विवेक मिश्रा आदि द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंदिर में प्रतिष्ठापित विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कराने के बाद महाआरती कराई गई।
श्रीअखिलेश्वर महादेव मंदिर के दसवें प्रतिष्ठापन समारोह में पूजा-पाठ के बाद आचार्य करपात्री द्विवेदी ने बताया कि भगवान भोलेनाथ अतिशीघ्र प्रसन्न होकर भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों का बहुत महत्व है। इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इन ज्योतिर्लिंगों के 12 नाम सुबह-सुबह स्मरण करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के साथ दिन की शुरुआत भी बेहतर होती है। आचार्य द्विवेदी ने बताया कि 12 ज्योर्तिलिंगो को एक मंत्र में समाहित किया गया है।
कैलाशपति शिव त्रिदेवों में एक हैं। शेष दो देवों के नाम ब्रह्मा और विष्णु हैं। शिव इन सभी में सर्वश्रेष्ठ हैं। ब्रह्मा और विष्णु इन्हीं की उपासना करते हैं। शिव कैलाशवासी हैं, इसलिए इन्हें कैलाशपति कहा जाता है। आचार्य द्विवेदी ने कहा कि महाबली हनुमानजी की आराधना से सभी ग्रहों का दोष शांत हो जाता है। हनुमानजी और सूर्यदेव एक-दूसरे के स्वरूप हैं, इसलिए हनुमान साधना करने वाले साधकों में सूर्य तत्व अर्थात आत्मविश्वास, ओज, तेजस्विता आदि स्वत: ही आ जाते हैं।
लगभग दो घण्टे चले पूजा-पाठ में के.डी. मेडिकल कॉलेज के डीन और प्राचार्य डॉ. रामकुमार अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार, उप महाप्रबंधक मनोज कुमार गुप्ता, राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया, राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के निदेशक डॉ. देवेन्द्र पाठक, जी.एल. बजाज की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी, राजीव इंटरनेशनल स्कूल की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया, लेखाधिकारी लव अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारीगण शामिल रहे। अंत में सभी श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।

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