Wednesday, January 29, 2025
Homeन्यूज़वृंदावन शोध संस्थान एवं जीएलएल विश्वविद्यालय के मध्य ब्रजभाषा पीठ स्थापना को...

वृंदावन शोध संस्थान एवं जीएलएल विश्वविद्यालय के मध्य ब्रजभाषा पीठ स्थापना को हुआ करार

  • ब्रज संस्कृति, ब्रजभाषा के संरक्षण एवं संवर्द्धन को मिलेगा बल
  • ब्रज संस्कृति पर आधारित विशेषज्ञता एवं संसाधनों को साझा किया जाएगा

वृंदावन। ब्रज की संस्कृति यद्यपि एक क्षेत्रीय संस्कृति रही है, परन्तु इतिहास के आधार पर इसकी विकास यात्रा से हमें ज्ञात होता है कि यह संस्कृति प्रारम्भ से ही संघर्षशील, समन्वयकारी और अपनी विशिष्ट परम्पराओं के कारण देश की मार्गदर्शिका, क्षेत्रीय होते हुए भी सार्वभौमिक तथा गतिशील व अपराजेय, साथ ही बड़ी उदात्त भी रही है। यह पूरे देश के आकर्षण का केन्द्र रही है तथा इसी कारण इस क्षेत्र को सदा श्रद्धा की दृष्टि से देखा जाता रहा है। यहाँ की ब्रजभाषा में विपुल साहित्य की रचना हुई है। ऐसी जीवंत ब्रज संस्कृति एवं ब्रजभाषा के संरक्षण एवं संवर्द्धन में पिछले 57 वर्षों से वृन्दावन शोध संस्थान अनवरत कार्यरत है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु वृन्दावन शोध संस्थान समान उद्देश्यों एवं विचारों वाली संस्थाओं के साथ निरन्तर कार्य करता रहा है।
इसी कड़ी में वृन्दावन शोध संस्थान और जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के मध्य 27 जनवरी को ब्रज संस्कृति एवं ब्रजभाषा पीठ की स्थापना हेतु मेमोरेंडम ऑफ अण्डरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
वृन्दावन शोध संस्थान की ओर से संस्थान के निदेशक डॉ. राजीव द्विवेदी एवं जीएलए विश्वविद्यालय की ओर से विश्वविद्यालय के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने हस्ताक्षर किए। ब्रज संस्कृति एवं ब्रजभाषा पीठ द्वारा संचालित परियोजनाओं, सेमिनार एवं वर्कशॉप आदि के आयोजन एवं संचालन में दोनों संस्थाओं द्वारा अपनी विशेषज्ञता एवं संसाधनों को साझा किया जाएगा।
इस अवसर पर जीएलए विश्वविद्यालय के उप-कुलपति प्रो अनूप गुप्ता, पुस्तकालय विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार एवं वृन्दावन शोध संस्थान के सचिव प्रवीण गुप्ता, प्रशासनाधिकारी रजत शुक्ला एवं उमाशंकर पुरोहित उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments