Thursday, January 30, 2025
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देवकीनंदन महाराज ने ‘सनातन धर्म संसद’ में संतों को सौंपा ‘सनातन बोर्ड’ का प्रारूप

  • संतों के हस्ताक्षर बाद सरकार तक पहुंचायेंगे, सनातनियों की इच्छा
  • शंकराचार्यों के संरक्षण में, सभी संप्रदाय जगद्गुरू, अखाड़े, धर्माचार्य, हिंदु संगठन, प्रमुख मंदिर ,गौसेवक, गुरूकुल शिक्षा से जुड़े व्यक्ति होंगे शामिल
  • वक्फ बोर्ड रहा तो, एक दिन सनातन बोर्ड भी बनकर रहेगा
  • कुम्भ से सनातनी खाली हाथ न जायें, संतों को दक्षिणा में मिले सनातन बोर्ड – देवकीनंदन

वृंदावन/प्रयागराज। सनातन बोर्ड गठन के लिये प्रयाग महाकुम्भ में धर्मगुरू देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज द्वारा बुलाई गयी सनातन धर्म संसद में सनातन बोर्ड का प्रारूप प्रस्तुत किया गया। धर्म संसद में उपस्थित हजारों सनातनियों के बीच देवकीनंदन महाराज ने संत धर्माचार्यों को सनातन बोर्ड का प्रारूप सौंपा। एकमत से सभी ने सनातन हिंदू बोर्ड अधिनियम प्रारूप को धर्म संसद में पारित किया। मथुरा सांसद हेमा मालिनी ने भी धर्म संसद में बोलते हुये संतों की मांग का समर्थन किया ।
महाकुम्भ के सैक्टर 17 के शांति सेवा शिविर में सनातन बोर्ड की मांग को लेकर सनातन धर्म संसद आयोजित की गयी।आयोजक सनातन न्यास फाउन्डेशन के अध्यक्ष देवकीनंदन महाराज के साथ आनंद विभूषित जगतगुरु निम्बार्कपीठ श्रीजी महाराज एवं आनंद विभूषित जगतगुरु राघवाचार्य महाराज, साध्वी सरस्वती देवी, जगद्गुरु वल्लभाचार्य महाराज, साध्वी प्राची देवी, महामंडलेश्वर अरुण चैतन्यपुरी, अयोध्या छावनी महंत राजू दास ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर इस धर्म संसद का शुभांरभ किया।
सनातन बोर्ड को आवश्यक बताते हुये संतों ने सरकार से इसे कुम्भ समापन से पूर्व दक्षिणा स्वरूप प्रदान करने की मांग की। हजारों सनातनियों के बीच सनातन बोर्ड का प्रारूप पढ़कर सुनाया गया। सभी संत धर्माचार्यों ने इस पर अपने हस्ताक्षर किये।
सनातन न्यास फाउन्डेशन अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा कि प्रारूप पर अन्य संतों के भी हस्ताक्षर करवाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंचाया जायेगा ।
देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि देश में सनातन बोर्ड का गठन हो, जिसमें चारों शंकराचार्य और वैष्णव आचार्य यह तय करेंगे कि पूजा पद्धति कैसी होनी चाहिए। कहा कि मंदिरों की सुरक्षा, संस्कृति और सनातनियों के धार्मिक अधिकारों के लिये सनातन बोर्ड आवश्यक है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि यदि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू बोर्ड नहीं हैं, तो भारत में वक्फ बोर्ड की आवश्यकता क्यों है
देवकीनंदन महाराज ने किसी पद, प्रतिष्ठा के लिये सनातन बोर्ड की मांग को संकुचित सोच बताते हुये सनातन बोर्ड में कोई भी पद न लेने की घोषणा की। कहा कि मेरे लिये नहीं, सनातनी बच्चों के लिये सनातन बोर्ड मांगिये। सनातन बोर्ड के लिये सामूहिक प्रयास करने की भावुक अपील करते हुये उन्होने संतों को अपना शपथ पत्र दिया। कहा कि वक्फ बोर्ड बना है तो एक दिन सनातन बोर्ड भी बनकर रहेगा ।

सनातन बोर्ड प्रारूप में मथुरा में अतिक्रमण मुक्त श्रीकृष्ण भव्य मंदिर, वैदिक प्रबंधन के अनुसार पूजा और प्रसाद की व्यवस्था, मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्ती, गुरुकुल, गौशाला और औषधालय की स्थापना एवं असहाय परिवारों के धर्मांतरण को रोकने के लिए आर्थिक सहायता आदि मुद्दों पर चर्चा हुई ।
धर्म संसद में जगद्गुरु बल्लभ दास महाराज, महामंडलेश्वर संत नवल किशोर दास महाराज, हैदराबाद सांसद टी राजा, मेवाड़ पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 सुदर्शनाचार्य महाराज, महामडलेश्वर स्वामी वेदमूर्ति महाराज, विकास महाराज (वृंदावन), स्वामी रामदास महाराज (वलसाड), सिख संत बाबा हरजीत सिंह (अयोध्या), अर्पित दास महाराज, जैन आचार्य जितेंद्र जैन मुनि, प्रियांशु महाराज, जगद्गुरु सूर्याचार्य कृष्णदेवानंद गिरि, पूज्य स्वामी कृष्णदेवानंद महाराज, स्वामी बलरामाचार्य महाराज (अक्षरधाम वृंदावन), पूज्य महामंडलेश्वमर संतोष दास महाराज, सतुआ बाबा, बालयोगी महाराज, युवाचार्य अभय दास महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोषानंद गिरी महाराज, पीठाधीश्वर अनल किशोर दास महाराज, स्वामी सत्य प्रकाशानंद सरस्वती महाराज, स्वामी सुरेशानंद दास महाराज (बद्रीनाथ धाम), महेंद्र प्रताप सिंह समेत बड़ी संख्या में धर्माचार्य उपस्थित रहे ।

ऐसा है सनातन बोर्ड का प्रारूप:

देवकीनंदन महाराज द्वारा बुलाई गयी सनातन धर्म संसद में सनातन बोर्ड प्रारूप में स्पष्ट किया गया है कि सनातन हिंदू बोर्ड को एक स्वतंत्र निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा, जो हिंदू मंदिरों, उनकी सम्पत्तियों और निधियों की देखरेख के लिये उत्तरदायी होगा । सनातन बोर्ड मंदिरों में वैदिक सनातन पूजा पद्धिति, सनातनी परंपराओं, सनातनी हिंदूओं के धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा । इसमें वही व्यक्ति सम्मिलित होंगे जो हिंदुत्व में विश्वास रखते हुये सनातनी परंपराओं की सेवा की प्रबल इच्छा रखते होंगे ।

सनातन बोर्ड में इनकी होगी भूमिका –
संरक्षक मंडल:
चारों पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्यों कें संरक्षण में राष्ट्रीय स्तर पर केन्द्रीय सनातन बोर्ड का गठन किया जायेगा ।
केन्द्रीय अध्यक्ष मंडल:
11 सदस्यों के साथ सनातन बोर्ड के अध्यक्ष मंडल का गठन होगा । जिसमें निम्न सदस्य होंगे ।
4 सदस्य – चारों संप्रदाय के प्रमुख जगद्गुरु
3 सदस्य – सनातनी अखाड़ों के प्रमुख व्यक्तित्व
1 सदस्य – संरक्षक मंडल द्वारा नामित व्यक्तित्व
3 सदस्य – प्रमुख संतध्कथाकारध्धर्माचार्य

सहयोगी मंडल:
2 सदस्य – देश में हिंदुओं के लिए कार्य करने वाले 2 सबसे बड़े हिंदू संगठनों के प्रतिनिधि
4 सदस्य – देश के विन्भिन्न भागों से प्रमुख संतध्कथाकारध्धर्माचार्य
3 सदस्य – देश के प्रमुख मंदिरों अथवा मंदिर मामलों से जुड़े प्रमुख व्यक्तित्व
1 सदस्य – गौशालाध्गौसेवा से जुड़े व्यक्ति
1 सदस्य – गुरूकुल शिक्षा पद्धितिध्क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति

सलाहकार मंडल:
2 सदस्य – न्यायपालिका से सेवानिवृत सनातनी जज एवं वकील
2 सदस्य – उच्च पद से सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी
2 सदस्य – मीडिया क्षेत्र से वरिष्ठ सनातनी
1 सदस्य – 1 वरिष्ठ शिक्षाविद्
2 सदस्य – सामाजिक क्षेत्र या संगठन से जुड़े पदेन व्यक्तित्व
2 सदस्य – सामाजिक/धार्मिक कार्यकर्ता

इसके अतिरिक्त अध्यक्ष मंडल द्वारा आवश्यकता अनुसार केन्द्रीय स्तर पर अन्य सदस्य जोड़े या घटाये जा सकेंगे । उनका क्रम या अवधि कम या अधिक की जा सकेगी ।

राज्य स्तर पर सनातन बोर्ड समिति:
संरक्षक मण्डल की सहमती से अध्यक्ष मण्डल देश के विभिन्न राज्यों में सनातन बोर्ड की राज्य स्तरीय समिति का गठन करेगा । जिसका कार्य सनातन बोर्ड के उद्देश्यों को पूर्ण करना होगा ।

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