विजय गुप्ता की कलम से
मथुरा। मथुरा में उच्च शिक्षा के जनक डॉ. रामकिशोर अग्रवाल का अवतरण दिवस 9 फरवरी इतवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। उनके जन्मोत्सव को लेकर के.डी. मेडिकल कॉलेज व आर. के. ग्रुप के अन्य सभी संस्थानों में उत्साह का माहौल है।
वृंदावन के प्रतिष्ठित स्व. हरिदास अग्रवाल और कांति देवी के घर में जन्मे डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने शिक्षा जगत में कदम एक साधारण शिक्षक के रूप में रखा और आज उन्होंने जो असाधारण मुकाम हासिल किया है वह अपने आप में बेमिसाल है। यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने लंबी तपस्या की है। सर्वप्रथम उन्होंने सहपऊ के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक की नौकरी की। इसके लिए वे रोजाना मथुरा से बस द्वारा सादाबाद जाते और सादाबाद से साइकिल द्वारा सहपऊ पहुंचते। फिर शाम को वापस साइकिल द्वारा सादाबाद आना और सादाबाद से बस द्वारा मथुरा और फिर मथुरा से वृंदावन देर रात्रि तक लौटना यह इनकी दिनचर्या थी।
पहले मथुरा में इंजीनियरिंग की शिक्षा न होने के कारण यहां के छात्र बाहर जाते थे। रामकिशोर जी के मन में यह कसक शुरू से ही थी। आगे चलकर उन्होंने सहपऊ की नौकरी छोड़ सर्राफा जगत में कदम रखा और बी.एस.ए. कॉलेज के मैनेजमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए बी.एस.ए. इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की ताकि मथुरा के छात्र मथुरा में ही इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण कर सकें।
इसके बाद तो रामकिशोर जी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा तथा विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों से लेकर मेडिकल कॉलेज तक की लाइन मथुरा से लेकर नोएडा तक खींच दी। इस सब जादुई करिश्मे के पीछे इनका विलक्षण दिमांग है। रामकिशोर जी की एक बात तो माननी पड़ेगी कि ये उड़ती चिड़िया के पर गिनने एवं बंद लिफाफे का मजमून भांपने की महारत हासिल किए हुए बहुत ऊंचे उस्ताज हैं। यदि यौं कहा जाय कि मजे हुए खिलाड़ी हैं तो गलत नहीं होगा।
भजन, पूजन, साधु सेवा, भंडारे आदि का सिलसिला तो इनके यहां चलता ही रहता है। गऊ सेवा, बंदर, कुत्ते आदि अन्य पशु पक्षियों की सेवा इनकी दैनिक दिनचर्या है। इस सब में उनके स्वर्गीय माता-पिता हरिदास जी एवं कांति देवी की भी बड़ी रुचि थी। उनकी परंपरा को ये बखूबी निभा रहे हैं। ईश्वर इन्हें शतायु करें। रामकिशोर जी के संपर्क नंबर 9897400022 9897126000 हैं।