Thursday, February 13, 2025
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जीएल बजाज में छात्र-छात्राओं को दी कृत्रिम बुद्धिमत्ता की जानकारी

  • एआई की गूढ़ बातें समझ, शैक्षिक व्यवस्थाएं देखीं

मथुरा। जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा के कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित एआई एक्सप्लोरिका 2025 कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा सरस्वती विद्या मंदिर, छाता और अमर ज्योति इंटर कॉलेज, नरी-सेमरी के छात्र-छात्राओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के प्रति जागरूक किया गया। विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) व्यापक रूप से उन कम्यू्तटर प्रणालियों को संदर्भित करती है जिन्हें ऐसे कार्यों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है जिनमें आमतौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है।
एआई एक्सप्लोरिका कार्यक्रम में एआई जागरूकता सत्र, प्रोजेक्ट प्रदर्शनी, कैम्पस भ्रमण और एआई क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इससे छात्र-छात्राओं को एआई की अवधारणाओं को न केवल समझने बल्कि व्यावहारिक रूप से अनुभव करने का भी अवसर मिला। संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता है। ऐसे बहुत से अनुप्रयोग और उपकरण हैं जो सलाह देने या ऐसी सामग्री बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हैं जो आपके अध्ययन में भी उपयोगी हो सकती है लेकिन आपके लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि इनका जिम्मेदारी और नैतिक रूप से उपयोग कैसे किया जाए, साथ ही यह भी कि कब एआई का उपयोग करना उचित नहीं है।
प्रो. अवस्थी ने कहा कि हर तकनीक की जहां अच्छाइयां होती हैं वहीं कुछ त्रुटियों से इंकार नहीं किया जा सकता लिहाजा तकनीक का प्रयोग हमेशा सोच-समझकर किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से आकलन आसान लग सकता है, लेकिन इन उपकरणों का इस्तेमाल करके अपने लिए सारे काम करवाना आपकी पढ़ाई और करियर के लिए नुकसानदेह साबित होगा। इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा तैयार की गई कोई भी सामग्री विश्वसनीय, सत्य, सही या आकलन कार्य को पास करने के लिए पर्याप्त मानक की है।
एआई एक्सप्लोरिका कार्यक्रम की सभी गतिविधियों में हिस्सा लेते हुए छात्र-छात्राओं ने इस क्षेत्र को करियर विकल्प के रूप में अपनाने के प्रति रुचि दिखाई। सरस्वती विद्या मंदिर, छाता और अमर ज्योति इंटर कॉलेज, नरी-सेमरी के शिक्षकों ने जीएल बजाज संस्थान की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे शैक्षिक कार्यक्रमों से भविष्य के नवाचारियों और तकनीकी विशेषज्ञों को विकसित करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम के समन्वय डॉ. रामाकांत विभागाध्यक्ष सीएसई, सह-समन्वयक सोनिया चौधरी, डॉ. भोले सिंह, डॉ. सुरजीत, रामदर्शन सारस्वत आदि ने अतिथि छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि कोई भी लक्ष्य असम्भव नहीं बशर्ते उसे हासिल करने का प्रयास पूरे मनोयोग से किया जाए। कार्यक्रम का संचालन बी.टेक द्वितीय वर्ष के छात्र याज्ञनिक शर्मा और कुणाल माहेश्वरी ने किया।

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