- जीएलए बीटेक बायोटेक के छात्रों ने याकुल्ट कंपनी का किया भ्रमण
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के बीटेक बायोटेक प्री फाइनल ईयर के छात्रों ने प्रोबायोटिक बनाने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी याकुल्ट, सोनीपत का भ्रमण किया।
याकुल्ट कंपनी के पदाधिकारी मेघा गर्ग एवं स्वाति यादव ने छात्रों को उत्पाद के निर्माण प्रक्रिया से सम्बन्धित कार्यशैली, गुणवत्ता, पैकिंग, विपणन इत्यादि के बारे में बताया, साथ ही खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता को बढ़ाए जाने के सभी मानदंडों की जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को प्लांट का भ्रमण कराते हुए बताया कि प्लान्ट पूर्णतः स्वचालित है, ताकि किसी भी प्रकार से उत्पाद में बाहर से कोई भी जीवाणु न आ सके। इतनी सावधानी बरतने के बाद भी फाइनल प्रोडक्ट को मार्केट में भेजने से पहले माइक्रोबायोलॉजिकल टेस्ट से गुजरना पड़ता है जिसके लिए तैयार प्रोडक्ट को 24 घण्टे के लिए कोल्ड स्टोरेज रूम में रखा जाता है और परीक्षण के परिणाम आने के बाद ही इसे बाजार में उतारा जाता है।
उन्होंने छात्रों को बताया कि याकुल्ट एक प्रोबायोटिक ड्रिंक है और उसे बनाने में लैक्टोबेसिलस कैसियाई स्ट्रेन शिरोटा नामक जीवित जीवाणु प्रयोग में लाया जाता है। यह जीवाणु हमारे पाचनतंत्र को मजबूती प्रदान करता है। इस दौरान छात्रों ने कम्पनी के सीड रूम, कल्चर रूम, क्वालिटी कंट्रोल रूम, मोल्डिंग रूम, मैन्यूफैक्चरिंग रूम एवं फिलिंग रूम का अवलोकन किया एवं जाना कि पहले फरमेन्टेशन द्वारा सीड्स तैयार की जाती है। याकुल्ट भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी विभिन्न प्रकार के फ्लेवरों में उपलब्ध है, साथ ही मधुमेह रोग के मरीजों के लिए शुगर फ्री याकुल्ट भी उपलब्ध है।
विभागध्यक्ष प्रोफेसर शूरवीर सिंह ने बताया जैव प्रौद्योगिकी के छात्रों के लिए इस प्रकार का शैक्षिक भ्रमण बहुत ही लाभदायक है। जो भविष्य में उनके प्लेसमेंट में सहायक होगा।
इस भ्रमण में विद्यार्थियों के साथ जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्राध्यापक डा. प्रदीप कुमार चौधरी, डा. सौरव गुप्ता एवं शोध छात्रा समीक्षा अग्रवाल ने मार्गदर्शन प्रदान किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने इस भ्रमण को उपयोगी बताया एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के छात्रों को शुभकामनाएं दी।