Thursday, February 20, 2025
Homeशिक्षा जगतएआई का अनियंत्रित विकास मानवता के लिए खतराः प्रो. एस.के. काक

एआई का अनियंत्रित विकास मानवता के लिए खतराः प्रो. एस.के. काक

  • जी.एल. बजाज में दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का समापन

मथुरा। आने वाला समय कृत्रिम बुद्धिमत्ता का है लेकिन इसका अनियंत्रित विकास मानवता के लिए घातक साबित हो सकता है। ऐसे में एआई विकास में पारदर्शिता व नियमन के अंतरराष्ट्रीय मानक बनाने भी जरूरी हैं। जरूरी है कि हम एआई की वैश्विक चुनौती के बीच अपने इंजीनियरों व वैज्ञानिकों की मेधा का बेहतर उपयोग करके नई खोजों का मार्ग प्रशस्त करें अन्यथा भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नई खोजों की दौड़ में पिछड़ जाएगा। यह बातें मुख्य अतिथि प्रो. एस.के. काक (सीईई के एक्जीक्यूटिव बोर्ड सदस्य) ने जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा द्वारा आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इंटेलिजेंट कंट्रोल, कम्प्यूटिंग एंड कम्युनिकेशन (आईसी3-2025) के समापन अवसर पर शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को बताईं।
प्रो. काक ने अपने सम्बोधन में कहा कि डिजिटल विभाजन को कम करने के लिये एआई पहुंच को बढ़ावा देने, इसे खुला, समावेशी, पारदर्शी, नैतिक, सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता इस सदी में मानवता के लिये नया कोड लिख रही है लेकिन वैश्विक भलाई के लिए इसे तरीके से विकसित किया जाना जरूरी है। प्रो. काक ने कहा कि एआई नवाचार को बढ़ावा तो दिया जाना चाहिए लेकिन इसके नियमन को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। निश्चित रूप से एआई के इस्तेमाल से बेहतर कार्य संस्कृति पैदा होगी लेकिन हमें कृत्रिम मेधा के नियमन और नवाचार के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ाने होंगे। इतना ही नहीं भारतीय युवाओं को भी खुद को इस नई चुनौती के अनुरूप तैयार करना होगा। प्रो. काक ने अपने सम्बोधन में बहु-विषयक अनुसंधान के महत्व को रेखांकित करने के साथ इसे तकनीकी प्रगति के लिए अनिवार्य बताया।
दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने इनोवेशन को अपनाना: अत्याधुनिक विकास की खोज विषय पर 230 से अधिक शोध-पत्र प्रस्तुत किए। यह शोध पांच प्रमुख ट्रैकों को कवर कर रहे थे। सम्मेलन के दौरान 10 विभिन्न हॉलों में सत्र आयोजित किए गए, जिससे शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों को अपने विचार साझा करने और ज्ञान विनिमय का अवसर मिला। सम्मेलन में शैक्षणिक और उद्योग क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों तथा शोधकर्ताओं ने एआई-संचालित नियंत्रण प्रणालियों, अगली पीढ़ी की कम्प्यूटिंग तकनीकों और उन्नत संचार प्रणालियों पर गहन चर्चाएं कीं। यह सम्मेलन न केवल अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने का मंच बना बल्कि इससे भविष्य में शैक्षिक और उद्योग क्षेत्र के बीच सहयोग की बुनियाद भी मजबूत होगी।
सम्मेलन के समापन अवसर पर जीएल बजाज की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने सभी प्रतिभागियों, सत्र अध्यक्षों और आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए उनका आभार माना। अपने समापन भाषण में प्रो. अवस्थी ने इस सम्मेलन को तकनीकी नवाचारों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया और शोधकर्ताओं को भविष्य में और अधिक खोजपरक अनुसंधान करने के लिए प्रेरित किया। सम्मेलन के अध्यक्ष प्रो. वी.के. सिंह ने आईसी3- 2025 की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे नवाचार और वैश्विक स्तर पर ज्ञान-विनिमय को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि आईसी-3 का अगला संस्करण 2026 में आयोजित किया जाएगा, जिसमें और भी व्यापक विषयों पर चर्चा होगी। प्रो. वी.के. सिंह ने आयोजन समिति पदाधिकारियों, सत्र अध्यक्षों, मुख्य वक्ताओं तथा प्रायोजकों के अमूल्य योगदान की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए सभी का आभार माना। इस दौरान श्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार समारोह में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले अनुसंधानकर्ताओं को सम्मानित किया गया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments