- कार्यशाला में बोले मुख्य अतिथि एनपीटीईएल इंजीनियरिंग और प्रबंधन विषयों का सबसे बड़ा ई-भंडार
मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से स्वयं-एनपीटीईएल (नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी इनहैंस्ड लर्निंग) पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए एक परिवर्तनकारी कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में विद्यार्थियों को इन प्लेटफार्मों द्वारा पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रमों, प्रमाणपत्रों और कौशल विकास के अवसरों की जानकारी दी।
विश्वविद्यालय में स्वयं-एनपीटीईएल पर आयोजित कार्यशाला में आईआईटी कानपुर से प्रो. जयदीप दत्ता बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। साथ ही आईआईटी कानपुर से रिसोर्स पर्सन लालती दत्ता, अल्पना दीक्षित, रुपाली सिंघल एवं जीएलए विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा, पुस्तकालाध्यक्ष एवं स्पोक पर्सन डा. राजेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।
तत्पश्चात् मुख्य अतिथि डा. जयदीप दत्ता ने कहा कि एनपीटीईएल विश्वविद्यालय स्तर के विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) विषयों के लिए एक भारतीय ई-लर्निंग मंच है। एनपीटीईएल इंजीनियरिंग, बुनियादी विज्ञान और चयनित मानविकी और प्रबंधन विषयों में पाठ्यक्रमों की दुनिया में सबसे बड़ा ई-भंडार है। छात्रों का फोकस अपने विषय पर होना चाहिए, नौकरी का गोल तो अपने आप पूरा हो जायेगा। छात्र अपने आप को किसी एक डिग्री में बांध कर न रखें। उन्होंने तकनीकी आधारित शिक्षा पर बात करते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में छात्र एक साथ कई सर्टिफिकेट ले सकते हैं, जो उन्हें उनके करियर में तरक्की देते हैं।
सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए पुस्तकालाध्यक्ष डा. राजेश कुमार ने बताया कि स्वयं-एनपीटीइएल कोर्सेस 2019 से जीएलए विश्वविद्यालय में डिजिटल प्लेटफार्म पर संचालित है, जिसमें अभी तक हजारों छात्र विभिन्न विषयों में नेशनल टॉप रैंकिंग में शामिल रहे हैं। कार्यशाला में 2024 के चुनिंदा मेधावी छात्रों को अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।
डा. राजेश ने बताया कि जीएलए गत वर्ष से प्रदेश में पहले स्थान पर और राष्ट्रीय स्तर पर 7वें स्थान के साथ ‘एएए‘ उच्चतम श्रेणी के संस्थानो की श्रंखला में शामिल है।
आईआईटी कानपुर से कार्यशाला में पहुंची रिसोर्स पर्सन लालती दत्ता ने बताया कि स्वयं भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया कार्यक्रम है, जिसे शिक्षा नीति के तीन मुख्य सिद्धांतों पहुंच, समानता और गुणवत्ता को प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस प्लेटफार्म का उद्देश्य उन छात्रों तक पहुचना हैं, जो डिजिटल माध्यम से उच्च गुणात्मक शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं।
डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा ने बताया कि शैक्षणिक कार्यक्रम में स्वयं-एनपीटीईएल पाठ्यक्रमों के क्रेडिट एवं शैक्षणिक रिकॉर्ड को एनईपी 2020 शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत एकीकृत किया गया है। कार्यक्रम मेंं लगभग 1200 छात्रों ने हिस्सा लिया और नयी जानकारियों से रूबरू हुए। कार्यक्रम के समापन पर प्रबंधन संकाय निदेशक प्रो. अनुराग सिंह ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया। धन्यवाद ज्ञापित डा. श्वेता गुप्ता ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डा. ऋषि अग्रवाल एवं सभी पुस्तकालय स्टाफ का सहयोग सराहनीय रहा।