
मथुरा। मुंह, शरीर और मन सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। हम अपने मौखिक स्वास्थ्य की देखभाल कर स्वस्थ और सुखद जीवन जी सकते हैं। अगर हम अपने दांतों और मसूड़ों की देखभाल नहीं करते तो हम न केवल दांतों की सड़न या मसूड़ों की बीमारी जैसी समस्याओं का जोखिम उठाते हैं बल्कि अपने आत्मविश्वास, रिश्तों और यहां तक कि मस्तिष्क के कामकाज को भी प्रभावित कर सकते हैं। यह बातें के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल और पियरे फॉचर्ड अकादमी के सहयोग से विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञ दंत चिकित्सकों ने छात्र-छात्राओं और दंत पीड़ितों को बताईं।
विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस पर आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल द्वारा “हैप्पी माउथ इज हैप्पी माइंड” विषय पर चलाए जाने वाले जागरूकता अभियान का शुभारम्भ करते हुए कहा कि अच्छा मौखिक स्वास्थ्य हमें अपने बारे में बेहतर महसूस करने, दूसरों के साथ अधिक सहजता से बातचीत करने तथा अधिक आनंददायक जीवन जीने में मदद करता है। इस अवसर पर डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने बताया कि इस साल की थीम “हैप्पी माउथ इज हैप्पी माइंड” यानी खुश मुंह ही खुश दिमाग है।
डॉ. लाहौरी ने बताया कि जनपद मथुरा के लोगों को मौखिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल फॉचर्ड अकादमी के सहयोग से 20 मार्च से 20 अप्रैल तक एक अभियान चला रहा है। अभियान इस बात पर जोर देगा कि कैसे एक स्वस्थ मुंह समग्र खुशी में योगदान दे सकता है। प्राचार्य डॉ. लाहौरी ने कहा कि एक स्वस्थ मुस्कान आपको अपने बारे में अच्छा महसूस करने में मदद कर सकती है। जब आप अपने दांतों से खुश होते हैं, तो आप बिना किसी चिन्ता के मुस्कुराने और सामाजिक मेल-जोल बढ़ाने में ज्यादा सक्षम होते हैं। अपने मौखिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने का अर्थ है कि आप दूसरों के साथ अधिक आत्मविश्वास से बातचीत कर सकते हैं और बेहतर सामाजिक जीवन का आनंद ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल द्वारा 20 अप्रैल तक विभिन्न गतिविधियों डेंटल कैम्प, प्रतियोगिताएं, शपथ समारोह, मौखिक स्वास्थ्य शिक्षा, मौखिक स्वास्थ्य पैक का वितरण, वृद्धाश्रमों में मौखिक स्वास्थ्य देखभाल, मौखिक स्वास्थ्य वार्ता आदि के माध्यम से लोगों को मौखिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। प्रो. (डॉ.) नवप्रीत कौर तथा प्रो. (डॉ.) अनुज गौर ने बताया कि स्वस्थ मुंह आपको बिना किसी परेशानी के खाने, बोलने और हंसने में सक्षम बनाता है। जब आपको मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में चिन्ता करने की ज़रूरत नहीं होती तब आप जीवन के छोटे-छोटे पलों का आनंद लेने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
मुस्कुराने का मतलब सिर्फ खुश दिखना नहीं है, यह वास्तव में आपको खुश महसूस करने में मदद करता है। मुस्कुराने से मस्तिष्क में ‘अच्छा महसूस कराने वाले’ रसायन निकलते हैं, जिससे तनाव कम होता है और आपका मूड अच्छा होता है। दंत विशेषज्ञों ने बताया कि खराब मौखिक स्वास्थ्य अवसाद, चिन्ता और तनाव जैसी समस्याओं का भी कारण बन जाता है जबकि स्वस्थ मुंह आपको भोजन का आनंद लेने, भोजन को बेहतर तरीके से चबाने, ताजा सांस बनाए रखने, दर्द तथा दांतों के नुकसान से बचने में मदद करता है। स्वस्थ मुंह और दिमाग को बनाए रखने के लिए हमें नियमित रूप से ब्रश करना चाहिए।
चित्र कैप्शनः “हैप्पी माउथ इज हैप्पी माइंड” विषय पर चलाए जाने वाले जागरूकता अभियान का शुभारम्भ करते हुए आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, साथ में हैं डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी व अन्य चिकित्सक।