Monday, March 31, 2025
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चित्र परिचयः संस्कृति विवि में आयोजित कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञ वक्ता संस्कृति विवि में विशेषज्ञों ने छात्रों को बताए उद्यमी मानसिकता के गुर

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के उद्यमी क्लब ने ‘उद्यमी मानसिकता: लचीलापन और अनुकूलनशीलता विकसित करना’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में उद्योग जगत के प्रतिष्ठित पेशेवर और विश्वविद्यालय के गणमान्य लोग उद्यमिता, लचीलापन और अनुकूलनशीलता पर बहुमूल्य जानकारी देने के लिए एक साथ आए।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में ईटन एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रहलाद त्रिपाठी ने विद्यार्थियों के बीच वित्त और स्टॉक ब्रोकिंग में अपने विशाल उद्योग अनुभव को साझा किया। उन्होंने उद्यमशीलता की यात्रा में वित्तीय साक्षरता, रणनीतिक जोखिम उठाने और दृढ़ता के महत्व पर चर्चा की। उनका सत्र विशेष रूप से दिलचस्प था क्योंकि उन्होंने वास्तविक दुनिया के व्यावसायिक परिदृश्यों को उद्यमशीलता की रणनीतियों से जोड़ा। वहीं यूनीकौशल की सह-संस्थापक और सीईओ सुश्री मृदुला त्रिपाठी ने महत्वाकांक्षी उद्यमियों के साथ अपने अनुभव और विशेषज्ञता साझा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) एम. बी. चेट्टी ने की। उन्होंने इस अवसर पर छात्रों को भविष्य के करियर के लिए तैयार करने में उद्यमशीलता शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। छात्रों ने वक्ताओं के साथ सक्रिय रूप से बातचीत की और उद्यमशीलता की चुनौतियों का सामना करने और नवाचार एवं अनुकूलनशीलता की मानसिकता को बढ़ावा देने के बारे में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया। कार्यशाला के समन्वयक डॉ. गजेंद्र सिंह, सीईओ संस्कृति इंक्युबेशन सेंटर थे। प्रबंधन एवं वाणिज्य विद्यालय से डॉ. शांतम बब्बर और सुश्री रूबी देवी ने भी इस कार्यशाला के आयोजन में विशेष सहयोग दिया।
कार्यशाला के दौरान ज्ञानवर्धक चर्चाएं, संवादात्मक सत्र और विशिष्ट अतिथियों का सम्मान किया गया। इससे पूर्व प्लेसमेंट सेल की सुश्री ज्योति यादव ने विशिष्ठ अतिथियों का परिचय कराते हुए स्वागत के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे अनुकूलनशीलता और लचीलापन सहित उद्यमी कौशल को केंद्रित शिक्षा और वास्तविक दुनिया के संपर्क के माध्यम से पोषित किया जा सकता है।। सत्र का समापन प्रबंधन एवं वाणिज्य विद्यालय के डीन प्रो. (डॉ.) मनीष अग्रवाल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम को छात्रों और संकाय सदस्यों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिससे यह संस्कृति विश्वविद्यालय में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बन गया।कार्यक्रम में स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डा. डीएस तोमर भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स के डीन (प्रो.) डॉ. मनीष अग्रवाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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